बिहार और नेपाल में एक बार फिर बारिश की वजह से बाढ़ के विकराल हालत बने हुए हैं. नेपाल में लगातार हुई 60 घंटों की बारिश ने कई नदियों का जल स्तर बढ़ा दिया है. बिहार का शोक कही जाने वाली कोसी (Kosi River) ने विकराल रूप धारण कर लिया है. 10 लाख लोग बाढ़ (Bihar Flodd) से प्रभावित हैं. गांव के गांव पानी में डूबे हुए नजर आ रहे हैं और लोगों को मजबूरी में सुरक्षित जगहों पर शरण लेनी पड़ रही है.
CM नीतीश कुमार ने किया हवाई सर्वेक्षण
राहत और बचाव कार्य भी जारी है. मंगलवार को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (Nitish Kumar) ने हवाई सर्वेक्षण कर हालात का जायजा लिया है. नेपाल से पानी छोड़ने की वजह से बिहार में भारी बाढ़ (Bihar Flood) का कहर नजर आ रहा है. दरभंगा, सीतामढ़ी, शिवहर, बेतिया समेत कई और हिस्सों में बागमती, कोसी और गंडक नदी पर बने तटबंध टूट गए हैं. लोगों को मजबूरी में गांव और घर छोड़कर सुरक्षित ठिकानों पर जाना पड़ रहा है. बाढ़ प्रभावित इलाके में प्रशासन की ओर से राहत कैंप भी लगाए गए हैं.
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पूर्वी चम्पारण, पश्चिम चम्पारण, अररिया, किशनगंज, गोपालगंज, शिवहर, सीतामढ़ी, सुपौल, सिवान, मधेपुरा, मुजफ्फरपुर, पूर्णिया, मधुबनी, दरभंगा, सारण और सहरसा जैसे जिले बा़ की वजह से सबसे ज्यादा प्रभावित हैं. राज्य के 55 प्रखंड के 269 गांव और पंचायत बाढ़ की वजह से प्रभावित हैं. अब तक मिली जानकारी के मुताबिक, 4 जिलों में 7 जगह पर तटबंध टूट गए हैं. प्रशासन की ओर से निर्देश जारी किया गया है. लोगों से नदियों के किनारे और बाढ़ प्रभावित इलाके में जाने से बचने की अपील की गई है.
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