बिहार में इस समय सियासी पारा चढ़ा हुआ है. नीतीश कुमार सरकार को आज फ्लोर टेस्ट (Bihar Floor Tes) से गुजरना है. अभी तक हर पार्टी अपने विधायकों को एक साथ रखकर एकजुटता दिखाने की कोशिश में जुटी थी. लेकिन अग्निपरीक्षा आज विधासनभा में होगी. कौन गायब रहेगा और कौन किसके पक्ष में हाथ उठाएगा इसका अंदाजा सदन के भीतर ही लगेगा. अटकलें लगाई जा रही हैं कि तेजस्वी यादव, नीतीश खेमे में सेंध लगाने में कामयाब हो सकते हैं, क्योंकि रविवार को जेडीयू की कार्यकरिणी बैठक से 3-4 विधायक नदारद रहे थे.
जनता दल (JDU) ने रविवार को विश्वास जताया कि बीजेपी के साथ मिलकर नई सरकार बनाने वाले नीतीश कुमार सोमवार को विश्वास मत हासिल कर लेंगे. राज्य के संसदीय कार्य मंत्री विजय कुमार चौधरी ने जद (यू) विधायक दल की बैठक में दो या तीन विधायकों की अनुपस्थिति को अधिक तवज्जों नहीं दी और इसके लिए अपरिहार्य परिस्थितियों को जिम्मेदार ठहराया, जिनके बारे में उन्होंने (विधायकों) पूर्व सूचना दी थी.
विजय चौधरी ने इस बात पर जोर दिया कि बहुमत परीक्षण के दौरान पार्टी के सभी विधायक विधानसभा में मौजूद रहेंगे. एनडीए में हमारे पास कुल 128 विधायक हैं. 243 सदस्यीय विधानसभा में हम बहुमत की स्थिति में हैं. हमारे सभी विधायक सदन के अंदर मौजूद रहेंगे, जहां विश्वास मत से पहले विधानसभा अध्यक्ष के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव आएगा. जेडूयी के वरिष्ठ नेता बैठक में शामिल नहीं होने वाले विधायकों की सही संख्या के बारे में सीधा जवाब देने से बचते रहे.
मीटिंग से गायब रहे JDU के कुछ विधायक
उन्होंने दावा किया कि दो या तीन (विधायकों) को छोड़कर सभी उपस्थित थे. जो लोग नहीं आए, उन्होंने पार्टी नेतृत्व को उन अपरिहार्य परिस्थितियों के बारे में सूचित किया, जिसके कारण वे नहीं आ सके. हालांकि वे कल सदन के अंदर मौजूद रहेंगे. जदयू के सूत्रों ने नाम गोपनीय रखने की शर्त पर बताया कि जिन तीन विधायकों को बैठक में नहीं देखा गया, उनमें सुदर्शन कुमार सिंह, बीमा भारती और दिलीप रॉय शामिल हैं. जदयू के कुल मिलाकर 45 विधायक हैं.
संसदीय कार्य मंत्री ने कहा कि हम कार्यवाही के लिए तैयार किए गए कार्यक्रम के अनुसार, सदन सबसे पहले विधानसभा अध्यक्ष के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव पर विचार करेगा. नियमों के तहत आवश्यक होने पर 38 विधायक प्रस्ताव का समर्थन करने के लिए अपनी सीटों पर खड़े होंगे जिसके बाद अध्यक्ष को नया अध्यक्ष चुने जाने तक कार्यवाही का संचालन उपाध्यक्ष को सौंपना होगा.
विधानसभा उपाध्यक्ष महेश्वर हजारी जदयू से हैं, जबकि अध्यक्ष अवध बिहारी चौधरी राजद से हैं. विश्वास मत से पहले बिहार की राजधानी में राजनीतिक पारा चढ़ रहा है, सभी प्रमुख दल अपने विधायकों को एकजुट रखने की दिशा में काम कर रहे हैं. दो दिवसीय कार्यशाला में भाग लेने के लिए बोधगया में मौजूद रहे भाजपा विधायकों को रविवार देर शाम राज्य की राजधानी वापस लाया गया. पार्टी के पास 78 विधायक हैं. कुछ विधायक दो दिवसीय कार्यशाला में शामिल नहीं हुए, लेकिन उन्होंने ऐसे विधायकों का नाम नहीं बताया.
महागठबंधन के पास कुल कितने विधायक
इस बीच खरीद-फरोख्त की आशंका के बीच एक हफ्ते से तेलंगाना में रुके कांग्रेस के विधायक पटना वापस लौट आए. पार्टी के 19 विधायक हैं. कांग्रेस के सभी विधायक यहां राजद नेता तेजस्वी यादव के आवास पर पहुंचे. राजद विधायक अपने वामपंथी सहयोगियों के साथ शनिवार रात से ही यादव के आवास पर डटे हुए हैं और एकजुटता दिखाने के लिए उनके सोमवार को एक साथ विधानसभा पहुंचने की संभावना है. महागठबंधन के पास 114 विधायक हैं, जिसमें राजद, कांग्रेस, भाकपा (माले), भाकपा और माकपा शामिल हैं. (इनपुट PTI के साथ)
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