डीएनए हिंदी: बिहार के अररिया जिले के रानीगंज क्षेत्र में शुक्रवार की सुबह पत्रकार विमल कुमार की गोली मारकर हत्या कर दी. बदमाशों ने उनके घर में घुसकर उन पर ताबड़तोड़ फायरिंग कर दी. गोली सीधे उनके सीने में लगी. सीने पर गोली लगने के बाद घटनास्थल पर ही पत्रकार की मौत हो गई. आइए जानते हैं कि पूरा मामला क्या है?
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, विमल कुमार यादव पिछले कई सालों से एक दैनिक अखबार में रिपोर्टर के तौर पर काम कर रहे थे. बताया जा रहा है कि सुबह पत्रकार के दरवाजे पर कुछ लोग पहुंचे और दरवाजा खटखटाया. विमल कुमार ने जैसे ही दरवाजा खोला, उन पर बदमाशों ने सामने से फायरिंग शुरू कर कर दी. सीने में गोली लगने की वजह से वह जमीन पर गिर पड़े. परिजन ने आनन-फानन में विमल को अस्पताल ले गए लेकिन वहां डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया.
मौके पर पहुंची पुलिस
पत्रकार की हत्या की सूचना मिलते ही स्थानीय पुलिस पहुंच गई. शव कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए अररिया सदर अस्पताल भेज दिया. घटना के बाद मौके पर एसपी भी पहुंच गए. एसपी अशोक कुमार सिंह ने कि हत्या की जांच की जा रही है और जल्द ही पुलिस की टीम अपराधियों को पकड़ लेगी. उन्होंने बताया कि अपराधी गोली मारकर फरार हो गए. गोली राइट साइड में सीने में लगी थी.
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2019 में पत्रकार विमल के छोटे भाई की भी कर दी गई थी हत्या
पत्रकार विमल के छोटे भाई शशिभूषण यादव की 2019 में बदमाशों ने हत्या कर दी थी. वह गांव के सरपंच थे. इस मामले में 4 से 5 लोगों को नामजद किया गया था. सभी आरोपियों की गिरफ्तारी भी की गई थी लेकिन यह सभी अभी जनमानत पर बाहर हैं. पत्रकार विमल उस केस में एकलौते गवाह थे. आशंका जताई जा रही है कि उसी मामले में पत्रकार की हत्या हुई है. जानकारी के लिए बता दें कि इस मामले में अभी ट्रायल चल रहा है. जिसकी सुनवाई 19 अगस्त को होने वाली है.
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परिजनों का रो-रोकर हुआ बुरा हाल
विमल कुमार की हत्या के बाद परिजनों का रो- रोकर बुरा हाल है. उनका 15 साल का बेटा और 13 साल की बेटी है. पत्रकार की हत्या पर लोक जनशक्ति पार्टी के अध्यक्ष चिराग पासवान ने बिहार सरकार से जवाब मांगा है. उन्होंने कहा कि बिहार में अपराधियों का बोलबाला क्यों है? बिहार में हो रही हत्याओं से कम बेखबर क्यों हैं? उन्होंने सवाल किया कि यहां के लोग कैसे सुरक्षित रह सकते हैं. वहीं, अररिया सांसद प्रदीप कुमार सिंह ने बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से इस्तीफा मांगा है. उन्होंने कहा कि अगर अपराधियों को सजा मिल जाती तो आज इस तरह की घटना ना होती. लोकतंत्र के चौथे स्तंभ की हत्या सही नहीं है.
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