Bihar: 11 साल की बच्ची से रेप आरोपी को मिली थी फांसी की सजा, जानें उसे क्यों हाई कोर्ट ने कर दिया बरी 

Written By डीएनए हिंदी वेब डेस्क | Updated: Oct 13, 2023, 06:12 PM IST

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Bihar Crime News: 11 साल की बच्ची के साथ रेप के मामले में लोअर कोर्ट ने आरोपी को दोषी मानते हुए फांसी की सजा दी थी. हाई कोर्ट में केस पलट गया और आरोपी को बाइज्जत बरी कर दिया गया.

डीएनए हिंदी: 11 साल की नाबालिग के साथ रेप के मामले में बिहार की लोअर कोर्ट ने मुन्ना पांडेय नाम के शख्स को फांसी की सजा सुनाई थी. आरोपी ने सजा के खिलाफ हाई कोर्ट में अपील की थी और वहां भी सजा बरकरार रखी गई. इसके बाद सुप्रीम कोर्ट में अपील की जहां मामले को फिर से हाई कोर्ट में सुनवाई के लिए भेजा गया. हैरान करने वाली बात यह है कि निचली अदालत ने जिस केस को रेयरेस्ट ऑफ द रेयर की श्रेणी में रखा था हाई कोर्ट ने उसमें फैसला पलट दिया. पटना हाई कोर्ट ने मुन्ना पांडे की फांसी की सजा पर रोक लगा दी और उसे बेकसूर करार दिया है. यह मामला साल 2015 का है जिसमें 2 साल तक की सुनाई के बाद 2017 में आरोपी को फांसी की सजा दी थी. 

पटना हाई कोर्ट ने रेप के मामले की सुनवाई करते हुए कहा कि आरोपी के खिलाफ कोई भी ठोस सबूत नहीं पेश किया गया है. हैरानी की बात यह है कि पर्याप्त साक्ष्यों और ठोस प्रमाण न होने के बाद भी अधिकतम सजा दे दी गई. पटना हाई कोर्ट ने आरोपी को बेकसूर बताते हुए रिहा कर दिया है. न्यायिक इतिहास में यह मामला हैरान करने वाला है क्योंकि हाई कोर्ट से भी सजा पाए जाने के बाद केस की दोबारा उच्च न्यायालय में ही सुनवाई हुई थी. 

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सुप्रीम कोर्ट ने दिया था मामले की दोबारा से सुनवाई का आदेश
सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले की सुनवाई करते हुए निचली अदालतों के फैसले पर सवाल उठाए थे और कहा था कि यह हैरान करने वाला फैसला है. सर्वोच्च अदालत ने ही हाई कोर्ट को निर्देश दिया था कि इस मामले की फिर से हाई कोर्ट में सुनवाई हो और सभी अहम साक्ष्यों को फिर से जांच के  लिए मंगाया जाए. प्रमाणों की नए सिरे से जांच का आदेश भी सुप्रीम कोर्ट ने दिया था जिसके बाद पटना हाई कोर्ट में मामले की सुनवाई हुई और फांसी की सजा पाए शख्स को जीवनदान मिल गया.

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दो जजों की बेंच ने मु्न्ना पांडेय को बताया बेकसूर 
पटना हाई कोर्ट में दो जजों की बेंच ने मामले की सुनवाई की थी. गुरुवार को हुई सुनवाई में जस्टिस आशुतोष कुमार और जस्टिस आलोक कुमार पांडेय की पीठ ने मामले की सुनवाई की थी. दो जजों की बेंच ने मुन्ना पांडेय को मामले में बरी कर दिया है. कोर्ट ने फैसले के दौरान कहा कि आरोपी को इस आधार पर बरी किया जा रहा है कि अभियोजन पक्ष ने सिर्फ संदेहों के आधार पर पूरा केस बनाया लेकिन एक भी पुख्ता प्रमाण पेश नहीं कर सके. यहां स्पष्ट है कि आरोपी मुन्ना पांडेय को जबरन फंसाया गया है और इसलिए उसे बरी किया जाता है.

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