बच्चों की शादियां, अपना घर और भविष्य में खुशियां जुटाने के लिए लोग पैसा जमा करते हैं. सैकड़ों गरीब परिवारों ने अपने सपने पूरे करने के लिए और जीवन खुशहाली से व्यतीत करने के लिए सहारा इंडिया में पैसा लगाया था. उन्होंने ये सोचकर पैसा जमा किया था कि जमा की इस पूंजी से अपना और अपने बच्चों का भविष्य सुरक्षित कर पाएंगे, लेकिन अब ये सिर्फ सपना रहा गाय है.
सजलून खातून की आपबीति
आज हम आपकों बिहार के सहरसा जिले के महिषी प्रखंड के राजनपुर निवासी सजलून खातून की आपबीति के बारे में बताने जा रहे हैं. इन्होंने न्यज 18 चैनल के दिए इंटरव्यू में बताया कि अपनी मेहनत की कमाई से करीब 1 लाख रुपये सहारा इंडिया में जमा किए थे, ताकि भविष्य में बेटी की शादी और घर बनाने का सपना पूरा हो सके. लेकिन अब जब पैसे निकालने की बात आई तो पैसा देने से मना कर दिया गया.
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लाखों परिवारों की यही है कहानी
सजलून के पिता जी मजूदरी करते है साथ ही घर की आर्थिक स्थिति भी बेहद खराब है. उन्होंने बताया कि कई बार सहारा इंडिया के दफ्तर के चक्कर काटने पर भी उनके हाथ निराशा ही लगी है. ये कहानी केवल सजलून की ही नहीं बल्कि ऐसे लाखों परिवारों कि है जिन्होंने सहारा इंडिया में पैसा जमा किया था. इस कंपनी जमा किए सभी परिवारों सपने टूट गए हैं.
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