बिहार में अगले साल विधानसभा चुनाव (Bihar Assembly Elections 2024) होने वाले हैं. इससे पहले प्रदेश की राजनीति में हलचल तेज हो गई है और दल बदलने की आवाजाही भी चल रही है. पिछले दिनों प्रदेश सरकार में मंत्री रहे श्याम रजक ने आरजेडी (RJD) से इस्तीफा दिया था. रविवार को उनकी फिर से घर वापसी हो गई है और दोबारा जेडीयू (JDU) का दामन थाम लिया है. आरजेडी छोड़ने के पीछे उन्होंने वजह बताई थी कि पार्टी के अंदर उन्हें सम्मान नहीं मिल रहा था और वह खुद को ठगा हुआ महसूस कर रहे थे.
लोकसभा चुनाव में टिकट नहीं मिलने से थे नाराज
श्याम रजक बिहार की राजनीति में बड़ा दलित चेहरा हैं. वह धोबी समाज से आते हैं और बताया जाता है कि वह लोकसभा चुनाव में जमुई या समस्तीपुर की सीट से चुनाव लड़ना चाहते थे. हालांकि, जमुई की सीट से आरजेडी ने युवा नेता अर्चना रविदास को टिकट दिया था. समस्तीपुर से कांग्रेस ने अपना उम्मीदवार खड़ा किया था. बताया जाता है कि इसी वजह से वह पार्टी से नाराज थे.
यह भी पढ़ें: KC Tyagi ने JDU राष्ट्रीय प्रवक्ता पद से दिया इस्तीफा, नीतीश कुमार ने इस नेता को सौंपी ये जिम्मेदारी
22 अगस्त को उन्होंने एक शायरी के साथ अपना इस्तीपा सौंपा था. लालू यादव के परिवारवाद पर निशाना साधते हुए उन्होंने लिखा था, 'मैं शतरंज का खिलाड़ी नहीं था, इसलिए धोखा खा गया. आप मोहरे चल रहे थे और मैं रिश्तेदारी निभा रहा था.'
दूसरी बार हुए JDU में शामिल
श्याम रजक 2009 तक आरजेडी में ही थे और उस वक्त वह पार्टी के महासचिव के पद पर थे. फिर इस्तीफा देकर जेडीयू में शामिल हो गए और नीतीश कुमार की सरकार में उन्हें मंत्री भी बनाया गया था. हालांकि, 2020 में पार्टी विरोधी गतिविधियों के आधार पर उन्हें पार्टी से निकाल दिया गया था जिसके बाद वह आरजेडी में शामिल हो गए थे. अब एक बार उनकी वापसी जेडीयू में हुई है और उन्होंने नीतीश कुमार की तारीफ करते हुए कहा कि वह खुद काम करते हैं और साथ वालों को भी मौका देते हैं. आरजेडी में सिर्फ एक परिवार की मनमानी चलती है.
यह भी पढ़ें: 'नेपाल की अपनी अलग पहचान है....' PM ओली ने बांग्लादेश की स्थिति पर दी बड़ी प्रतिक्रिया
ख़बर की और जानकारी के लिए डाउनलोड करें DNA App, अपनी राय और अपने इलाके की खबर देने के लिए जुड़ें हमारे गूगल, फेसबुक, x, इंस्टाग्राम, यूट्यूब और वॉट्सऐप कम्युनिटी से.