डीएनए हिंदी: Bihar Lathicharge: बिहार विधानसभा में हंगामे के बाद गुरुवार को गांधी मैदान से मार्च निकाल रहे बीजेपी कार्यकर्ताओं पर पुलिस ने लाठीचार्ज कर दिया. इसमें एक बीजेपी नेता की मौत हो गई. बताया जा रहा है कि पुलिस ने भीड़ को तितर-बितर करने के लिए लाठीचार्ज और वॉटर कैनन का इस्तेमाल किया था. लेकिन प्रदर्शनकारियों को उग्र हो जाने के बाद पुलिस को लाठीचार्ज करना पड़ा. जिसमें जहानाबाद से बीजेपी जिला महामंत्री विजय कुमार सिंह पुलिस की लाठी से गंभीर रूप से घायल हो गए. जिसके बाद उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया, लेकिन वहां दम तोड़ दिया.
बीजेपी नेता की मौत की पुष्टि पार्टी के राज्यसभा सांसद सुशील कुमार मोदी ने की है. उन्होंने ट्वीट कर इसकी जानकारी दी. बीजेपी नेता ने कहा कि जहानाबाद महामंत्री की मौत नहीं बल्कि हत्या हुई है. उन्होंने इसके लिए नीतीश सरकार को जिम्मेदार ठहराया है. विधानसभा परिसर में नेता प्रतिपक्ष विजय सिन्हा धरने पर बैठ गए हैं. बीजेपी ने सीएम नीतीश कुमार का इस्तीफा मांगा है. वहीं शुक्रवार को इस मामले में बीजेपी राजभवन मार्च करेगी.
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बीजेपी नेता सरकार के खिलाफ निकाल रहे थे मार्च
जानकारी के मुताबिक, पटना के गांधी मैदान से विधानसभा तक बीजेपी कार्यकर्ता और नेता राज्य सरकार के खिलाफ मार्च निकाल रहे थे. इसी दौरान डाकबंगला चौराहे पर पुलिस ने उन्हें रोकने की कोशिश की. जब वे नहीं माने तो पुलिस को आंसू गैस के गोले और वाटर कैनन से पानी की बौछार करनी पड़ी. इसके बाद बीजेपी कार्यकर्ता उग्र हो गए और पत्थरबाजी और पुलिस पर मिर्च स्पे से हमला करने लगे. जिसके बाद पुलिस ने लाठीचार्ज किया और बीजेपी नेताओं को दौड़ा-दौड़ाकर पीटा.
पुलिस ने नहीं की मौत की पुष्टि
हालांकि, पटना एसएसपी ने अभी तक बीजेपी कार्यकर्ता की मौत की पुष्टि नहीं की है. उन्होंने कहा कि विजय कुमार सिंह छज्जूबाग इलाके में अचेतावस्था में पाए गए थे. इसके बाद उन्हें PMCH में भर्ती करवाया गया. पुलिस ने कहा कि विजय को अभी आईसीयू में रखा गया है.
BJP विधायकों ने सदन में तोड़ी कुर्सियां
बिहार विधानसभा में प्रतिपक्ष के नेता विजय कुमार सिन्हा ने भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के विधायकों के सदन में आचरण का बुधवार को बचाव किया, जिन्होंने सदन के अंदर एक कुर्सी तोड़ दी और कागज के टुकड़े फेंके, जिससे विधानसभा की कार्यवाही दिन भर के लिए स्थगित करनी पड़ी. सिन्हा ने अध्यक्ष पर ‘सौतेला व्यवहार’’करने का आरोप लगाया. उन्होंने अध्यक्ष पर ‘सरकार के एक उपकरण के रूप में काम करने’ का भी आरोप लगाया और दावा किया कि उनकी ‘78 सदस्यीय मजबूत’ पार्टी को सिर्फ चार-पांच विधायकों वाले दलों की तुलना में भी कम समय दिया जा रहा है. उन्होंने आरोप लगाया कि हम यह सब सहते रहे हैं. आज जब मैंने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के भ्रष्टाचार पर नरम रुख अपनाने का मुद्दा उठाया तो मेरा माइक बंद कर दिया गया. सिन्हा का इशारा राजद अध्यक्ष लालू प्रसाद के रेल मंत्री रहते हुए उनके कार्यकाल के दौरान हुए भूमि घोटाले में उनके बेटे एवं उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव के के खिलाफ ताजा आरोप पत्र की ओर था.
वहीं तेजस्वी ने भाजपा पर तंज कसते हुए कहा, ‘यह दूसरी बार है जब मेरे खिलाफ आरोप पत्र दायर किया गया है. पहला मामला 2017 में आया था। केवल भगवान ही जानता है कि पिछले छह वर्षों में मामले में क्या प्रगति हुई. उन्होंने पूछा, ‘तथ्य यह है कि मेरे खिलाफ पहला आरोप पत्र तब भी था, जब मैंने पिछले साल उपमुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली थी. अगर भाजपा को इतना यकीन है कि आरोप पत्र एक बड़ा मुद्दा है तो जब मैं शपथ ले रहा था तो उसने विरोध क्यों नहीं किया.’ सिन्हा ने कहा कि वह और उनकी पार्टी के लोग ‘शिक्षक की नौकरी के इच्छुक उम्मीदवारों और किसान सलाहकारों पर लाठीचार्ज सहित कई अन्य मुद्दे उठाना चाहते थे. उन्होंने भाजपा के बिहार विधानसभा मार्च का जिक्र करते हुए कहा, ‘बिहार लोकनायक जयप्रकाश नारायण की भूमि है. कल यह एक असंवेदनशील शासन के खिलाफ एक और जन आंदोलन का गवाह बनेगा.’
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