Nitish Kumar Floor Test: बिहार में फ्लोर टेस्ट के वक्त हो जाएगा बड़ा खेल, जीतनराम मांझी बेटे को मिले विभाग से नहीं हैं खुश

Written By स्मिता मुग्धा | Updated: Feb 05, 2024, 01:35 PM IST

Nitish Kumar Floor Test

Bihar Political Drama: नीतीश कुमार पासा बदलकर फिर से एनडीए खेमे में शामिल हो गए हैं, लेकिन अभी उन्हें सदन में बहुमत साबित करना है. इस बार लालू यादव भी हार मानने के मूड में नहीं हैं और फ्लोर टेस्ट पर खेल हो सकता है.

डीएनए हिंदी: इस वक्त देश के दो राज्यों बिहार और झारखंड में राजनीतिक बवाल चल रहा है. झारखंड में चंपई सोरेन को बहुमत साबित करना है और बिहार में पाला बदलकर एनडीए में गए हैं और उन्हें भी बहुमत परीक्षण से गुजरना होगा. इस बीच पटना से लेकर दिल्ली तक राजनीतिक हलचल तेज है और बिहार की राजनीति में बड़ा बवाल होने का अनुमान जताया जा रहा है. जीतनराम मांझी बेटे को एससी-एसटी विभाग दिए जाने से नाराज हैं. को कांग्रेस ने सीएम का पद ऑफर किया है तो सूत्रों के हवाले से कहा जा रहा है कि लालू यादव भी लगातर उनके संपर्क में है. पटना की राजनीति के जानकार तो दबी जुबान में यह भी कह रहे हैं कि लालू ने भी मांझी के बेटे को डिप्टी सीएम का पद ऑफर किया है. 

जीतनराम मांझी की नीतीश कुमार के साथ तल्खी किसी से छुपी नहीं है, लेकिन हालात ऐसे बन गए हैं कि एक बार फिर दोनों को साथ मिलकर काम करना है. मांझी ने स्पष्ट कह दिया है कि वह एनडीए के ही साथ हैं. 12 फरवरी को होने वाले फ्लोर टेस्ट में कौन से समीकरण बन रहे हैं और नीतीश या तेजस्वी में से किसके पक्ष में कितने विधायक हैं, जानें पूरा समीकरण यहां. 

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बिहार में है क्या है रणनीतिक समीकरण 
243 सदस्यीय बिहार विधानसभा में एनडीए गठबंधन में 128 विधायक हैं. जिनमें सबसे ज्यादा बीजेपी के 78, जेडीयू के 45, जीतनराम मांझी की पार्टी हम के 4 और एक निर्दलीय विधायक हैं. बहुमत का आंकड़ा 122 है और मौजूदा समीकरण में एनडीए के पास बहुमत है. हालांकि, मांझी अगर पाला बदलते हैं और जेडीयू के कुछ विधायक लालू के साथ चले जाते हैं तो बहुमत का खेल बिगड़ सकता है. 

जीतनराम मांझी मांग रहे दो मंत्री पद 
जीतनराम मांझी के लिए यह मोल-भाव करने का सही समय है और वह अपनी पार्टी से दो मंत्री पद मांग रहे हैं. दूसरी ओर चिराग पासवान ने भी उनक मांग का समर्थन किया है. चिराग पासवान खुलकर कहते रहे हैं कि वह एनडीए के साथ हैं, लेकिन नीतीश कुमार का विरोध करना जारी रखेंगे. नीतीश भी कई बार खुले तौर पर कह चुके हैं कि पार्टी को विधानसभा चुनाव में कम सीटें चिराग की एलजेपी की वजह से आई है. 

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