Bihar: प्रशांत किशोर ने कॉफी से क्यों की BJP-RSS की तुलना? भगवा पार्टी पर बोला बड़ा सियासी हमला

डीएनए हिंदी वेब डेस्क | Updated:Oct 30, 2022, 08:04 PM IST

Prashant Kishor बिहार में 3,500 किलोमीटर की राजनीतिक यात्रा पर निकले हैं और इस दौरान वे नीतीश कुमार के बाद बीजेपी पर हमलावर हुए हैं.

डीएनए हिंदी: बिहार में 3,500 किलोमीटर की राज्यव्यापी यात्रा निकाल रहे आईपैक के पूर्व प्रमुख प्रशांत किशोर (Prashant Kishor) लगातार बिहार में वैकल्पिक राजनीति की बात कर रही है. वे मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (Nitish Kumar) पर हमलावर रहे हैं लेकिन अब उन्होंने एक बार बीजेपी-आरएसएस (BJP-RSS) पर हमला बोला है. उन्होंने बीजेपी और आरएसएस की तुलना कॉफी से की है. उन्होंने बीजेपी को कॉफी के ऊपर का झाग और आरएसएस को भगवा पार्टी का असल राजनीतिक सच बताया है.

दरअसल, चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर ने रविवार को भाजपा-आरएसएस गठबंधन की तुलना कॉफी से की है. प्रशांत किशोर अभी राज्यव्यापी 3,500 किलोमीटर लंबी पैदल यात्रा कर रहे हैं. प्रशांत किशोर ने अफसोस जताया कि उन्हें यह महसूस करने में काफी समय लगा कि नाथूराम गोडसे की विचारधारा को गांधी की कांग्रेस को ही पुनर्जीवित कर हराया जा सकता है और यह बेहतर होता कि मैं नीतीश कुमार जगन मोहन जैसे लोगों की मदद करने के बजाय उस दिशा में काम करता. 

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कैसे की कॉफी से तुलना?

प्रशांत किशोर ने बीजेपी और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के लिए 2014 में काम कर चुके हैं.इसके अलावा बाद में उन्होंने बीजेपी को हराने में नीतीश, अखिलेश यादव, कांग्रेस, की मदद की है. उन्होंने कहा, "जब तक कोई यह नहीं समझता कि वे क्या हैं, तब तक कोई भी भाजपा को नहीं हरा सकता."

बीजेपी और आरएसएस को लेकर पीके ने कहा कि क्या आपने कभी एक कॉफी का कप देखा है? जैसे उसके सबसे ऊपर झाग होता है, भाजपा वैसी ही है. उसके नीचे आरएसएस की गहरी संरचना है. आरएसएस ने सामाजिक ताना-बाना खराब कर लिया है. इसे अब शॉर्टकट तरीके से नहीं हराया जा सकता है."

जेडीयू के फैसलों पर जताई आपत्ति

नीतीश कुमार की पार्टी के दोहरे चरित्र को लेकर प्रशांत किशोर ने कहा है कि जब मैं जदयू का राष्ट्रीय उपाध्यक्ष था तब देश में सीएए-एनआरसी के खिलाफ उबाल था. मुझे यह जानकर हैरानी हुई कि मेरी पार्टी के सांसदों ने भी संसद में नागरिकता संसोधन विधेयक (सीएबी) के पक्ष में मतदान कियाय उस समय हमारे राष्ट्रीय अध्यक्ष नीतीश कुमार थे. उनसे मेरा सामना हुआ तो उन्होंने दावा किया कि वह दौरे पर थे, इसलिए उन्हें इस डेवलपमेंट के बारे में जानकारी नहीं है लेकिन उन्होंने मुझे आश्वासन दिया कि वह बिहार में एनआरसी की अनुमति नहीं देंगे. उनके दोहरेपन से मुझे महसूस हुआ कि मैं इनके साथ काम नहीं कर सकता." इन गतिरोधों के बीच ही नीतीश ने प्रशांत किशोर को बाहर का रास्ता दिखा दिया था. 

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गौरतलब है कि प्रशांत किशोर बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की पार्टी में उपाध्यक्ष रह चुके हैं लेकिन बाद में उन्होंने पार्टी छोड़ दी थी. नीतीश पर उन्होंने बीजेपी का एजेंट होने का आरोप भी लगा दिया है. उन्होंने नीतीश के पलटी मारने को लेकर कहा था कि नीतीश फिर से कभी भी पलटी मार सकते हैं जो कि बिहार की जनता के साथ सबसे बड़ी राजनीतिक धोखा है. 

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