डीएनए हिंदी: बिहार की राजनीति से देश की सियासत को बदलने की रणनीति जारी है. वहीं मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (Nitish Kumar) की कुछ दिनों पहले चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर (Prashant Kishor) से हुई मुलाकात चर्चा का विषय रही. वे राज्य में नीतीश सरकार के खिलाफ ही जन सुराज यात्रा निकाल रहे हैं. वहीं पीके ने दावा किया है कि उनसे नीतीश कुमार ने साथ आने की पेशकश की थी लेकिन उन्होंने मना कर दिया.
दरअसल, नीतीश कुमार से अपनी मुलाकात को लेकर प्रशांत किशोर ने एक बड़ा खुलासा किया है. पीके ने दावा किया है कि नीतीश कुमार ने उनसे मुलाकात कर मदद मांगी थी. पश्चिम चंपारण के जमुनिया गांव पहुंचे प्रशांत किशोर ने ललन सिंह के आरोपों पर पलटवार करते हुए कहा, “किसी से आजतक पैसा नहीं लिए हैं, अब ले रहे हैं?"
संसद की स्थायी समितियों में बड़ा फेरबदल, कांग्रेस को लगा दोहरा झटका
कभी नहीं ली कोई फीस
प्रशांत किशोर ने कहा, "बिहार में बदलाव के लिए उनसे फीस ले रहे हैं, जिनके लिए अब तक काम किया है, ताकि ये टेंट लगाया जा सके. अपनी मेहनत से, अपनी बुद्धि से 10 साल काम किए हैं, दलाली नहीं किए हैं."
साल 2015 में हुए बिहार के विधानसभा चुनाव में नीतीश ने पीके का साथ लिया था. इसको लेकर पीके ने कहा, "2014 में चुनाव हारने के बाद नीतीश कुमार ने दिल्ली आकर कहा कि हमारी मदद कीजिए. साल 2015 में हमलोगों ने नीतीश कुमार को जिताने में कंधा लगाया."
दशहरे पर ही खुलता है 7 सौ साल पुराना ये मठ, नागा साधुओं से जुड़ी है परंपरा
नीतीश ने फिर मांगी मदद
इसके अलावा प्रशांत किशोर ने नीतीश कुमार के साथ पहले हुई मुलाकात हो लेकर कहा, "अभी 10-15 दिन पहले बुलाकर हम से बोले कि हमारे साथ काम कीजिए, हमने कहा कि ये अब नहीं हो सकता है. एक बार जो लोगों को वादा कर दिया है कि 3,500 किमी चलकर गांव-गांव में जाकर लोगों को जगाना है, वही करेंगे. एक बार जनबल खड़ा हो गया, कोई टिकने वाला नहीं है लिखकर रख लीजिए."
रिटायर होते ही सत्यपाल मलिक का मोदी सरकार पर तीखा हमला, लगाया से बड़ा आरोप
नई राजनीतिक पहल के साथ आए हैं पीके
आपको बता दें कि नीतीश लगातार विपक्षी एकता पर बल दे रहे हैं लेकिन प्रशांत किशोर अब उनके नारे के साथ खड़े नहीं दिखते हैं. इसकी अहम वजह नीतीश का बातों से पलट जाने को माना जा रहा है. पीके बिहार में वैकल्पिक राजनीति के लिए नया प्लान तैयार कर रहे हैं जिसके लिए वे 3,500 किलोमीटर की सुराज यात्रा निकाल रहे हैं.
देश-दुनिया की ताज़ा खबरों Latest News पर अलग नज़रिया, अब हिंदी में Hindi News पढ़ने के लिए फ़ॉलो करें डीएनए हिंदी को गूगल, फ़ेसबुक, ट्विटर और इंस्टाग्राम पर.