डीएनए हिंदी: बिल्किस बानो गैंगरेप केस के सभी 11 दोषियों को कुछ महीने पहले ही रिहा कर दिया गया था. इस मामले में बिल्किस बानो को कोर्ट से भी राहत नहीं मिली थी. अब सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि वह इस मामले में स्पेशल बेंच बनाने को तैया है. सुप्रीम कोर्ट ने आश्वासन दिया है कि नई बेंच बनाकर मामले की सुनवाई की जाएगी. बिल्किस बानो ने 11 दोषियों की सजा माफी को चुनौती दी थी लेकिन इस मामले में सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई नहीं हो सकी थी.
सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस डी वाई चंद्रचूड़, जस्टिस पी. एस. नरसिम्हा और जस्टिस जे. बी. पारदीवाला की बेंच ने बिल्किस बानो की याचिका पर सुनवाई करते हुए उनकी वकील शोभा गुप्ता के जरिए उन्हें आश्वासन दिया कि नई बेंच का गठन किया जाएगा. एडवोकेट शोभा गुप्ता ने मामले पर तत्काल सुनवाई का अनुरोध करते हुए कहा था कि नई बेंच के गठन की जरूरत है.
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जनवरी में नहीं हो सकी थी सुनवाई
चीफ जस्टिस ने इस मामले पर कहा, 'नई बेंच का गठन किया जाएगा. हम इस पर आज शाम को विचार करेंगे.' इससे पहले 24 जनवरी को गुजरात सरकार द्वारा सामूहिक बलात्कार मामले में 11 दोषियों की सजा माफी को चुनौती देने वाली बिल्कीस बानो की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई नहीं हो सकी थी, क्योंकि संबद्ध जज पांच न्यायाधीशों की संविधान पीठ का हिस्सा होने की वजह से इच्छा मृत्यु (पैसिव यूथेनेशिया) से जुड़े एक मामले की सुनवाई कर रहे थे.
दोषियों की रिहाई को चुनौती देने वाली याचिका के अलावा, बिल्किस बानो ने एक अलग याचिका भी दायर की थी जिसमें एक दोषी की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट के 13 मई 2022 के आदेश की समीक्षा का अनुरोध किया गया है. सुप्रीम कोर्ट ने 13 मई 2022 को सुनाए आदेश में राज्य सरकार से 9 जुलाई 1992 की अपनी नीति के संदर्भ में समय से पहले रिहाई के लिए एक दोषी की याचिका पर विचार करने और दो महीने की अवधि के भीतर इस पर फैसला करने को कहा था.
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हालांकि, यह याचिका पिछले साल दिसंबर में सुप्रीम कोर्ट ने खारिज कर दी थी. बिल्किस बानो गैंगरेप केस के सभी 11 दोषियों को पिछले साल 15 अगस्त को रिहा कर दिया गया था. वे गोधरा उप-कारागार में बंद थे और 15 वर्षों से ज्यादा समय से जेल में थे. गुजरात में 2002 में हुए दंगों के दौरान बिल्किस बानो के परिवार के सात सदस्य भी मारे गए थे.
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