डीएनए हिंदी: लंबे समय से पूरे देश और दुनिया की धड़कनें बढ़ाने वाला चक्रवाती तूफान बिपरजॉय (Biporjoy) तूफान आज गुजरात और महाराष्ट्र के तट पर पहुंचने वाला है. मौसम विभाग का अनुमान है कि शाम तक पहुंचने वाले इस तूफान की रफ्तार इतनी ज्यादा होगी कि तटीय इलाकों में भारी नुकसान हो सकता है. यही वजह है कि NDRF के साथ-साथ सेनाएं भी तैयार हैं. तूफान के बाद हालात सुधारने के लिए बिजली विभाग, स्वास्थ्य विभाग और स्थानीय प्रशासन भी अलर्ट मोड पर हैं. लोगों की जान बचाने के लिए तटीय इलाकों से लाखों लोगों को पहले ही निकाल लिया गया है.
गुजरात सरकार ने बताया है कि आठ तटीय जिलों में कुल 74,345 लोगों को अस्थायी आश्रयों में ले जाया गया है. अकेले कच्छ जिले में लगभग 34,300 लोगों को जबकि जामनगर में 10,000, मोरबी में 9,243, राजकोट में 6,089, देवभूमि द्वारका में 5,035, जूनागढ़ में 4,604, पोरबंदर जिले में 3,469 और गिर सोमनाथ जिले में 1,605 लोगों को सुरक्षित स्थानों पर ले जाया गया है. गुजरात के सीएम भूपेंद्र पटेल, केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह, स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मंडाविया और खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी लगातार यहां के अपडेट ले रहे हैं.
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खतरें में हैं 1700 से ज्यादा गांव
गुजरात के आठ तटीय जिलों के 1700 से ज्यादा गांव, 41 छोटे-बड़े बंदरगाह और 75 तटीय शहर खतरे के साए में जी रहे हैं. इन इलाकों में लगभग 1 करोड़ लोग रहते हैं. यही वजह है कि NDRF की दर्जनों टीमें तैनात करने के बावजूद कोस्ट गार्ड, नेवी, एयरफोर्स और सेना को भी तैयार किया गया है. तूफान के दौरान और तूफान के बाद राहत और बचाव कार्य की तैयारियों जोरों पर हैं.
मंदिर हो गए बंद, गुजरात में हो रही है बारिश
गुजरात के दो सबसे प्रसिद्ध मंदिर- देवभूमि द्वारका में द्वारकाधीश मंदिर और गिर सोमनाथ जिले में सोमनाथ मंदिर- गुरुवार को श्रद्धालुओं के लिए बंद रहेंगे. एसईओसी ने एक विज्ञप्ति में कहा कि बुधवार शाम 6 बजे तक 12 घंटे में, सौराष्ट्र क्षेत्रों के जिलों के 65 तालुकों में बारिश हुई. एसईओसी के अनुसार, बुधवार सुबह समाप्त हुई 24 घंटे की अवधि में सौराष्ट्र और कच्छ जिले के 54 तालुक में 10 मिलीमीटर से ज्यादा पानी बरसा. इस अवधि के दौरान देवभूमि द्वारका जिले के खंभालिया तालुका में सबसे अधिक 121 मिमी बारिश हुई, इसके बाद द्वारका (92 मिमी) और कल्याणपुर (70 मिमी) में बारिश हुई.
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सरकार के अनुसार, एनडीआरएफ (राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल) की 19, एसडीआरएफ (राज्य आपदा प्रतिक्रिया बल) की 12, राज्य सड़क एवं भवन विभाग की 115 और राज्य बिजली विभाग की 397 टीम विभिन्न तटीय जिलों में तैनात की गई हैं. इस बीच, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने बुधवार को तीनों सेना प्रमुखों से बात की और चक्रवात 'बिपरजॉय' के प्रभाव से निपटने के लिए सशस्त्र बलों की तैयारियों की समीक्षा की.
पोर्ट इंडस्ट्री को है बड़ा खतरा
इस बीच, गुजरात तट पर स्थित मांडवी शहर के पारंपरिक जहाज निर्माता इस बात से चिंतित हैं कि चक्रवात से उनके उद्योग को बड़ा नुकसान पहुंच सकता है क्योंकि तट पर निर्माणाधीन जहाजों को सुरक्षा के लिए आसानी से स्थानांतरित नहीं किया जा सकता. पोत निर्माण से संबंधित एक वर्कशॉप की देखरेख करने वाले अब्दुल्ला यूसुफ माधवानी ने कहा, 'एक जहाज को बनाने में लगभग दो साल लगते हैं. एक जहाज के निर्माण में लगभग 50 से 70 लाख रुपये का खर्च आता है. हमें डर है कि चक्रवात उन जहाजों को नष्ट कर देगा जो निर्माण के विभिन्न चरणों में हैं.'
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