डीएनए हिंदी: लोकसभा चुनाव (Lok Sabha Election 2024) में एक साल से भी कम का समय बचा है. ऐसे में सत्ताधारी भारतीय जनता पार्टी (BJP) ने अपने अभियान का आगाज कर दिया है. भाजपा ने राज्यों में मजबूत होने के लिए बदलाव करना शुरू कर दिया है. इसी के मद्देनजर मंगलवार को पंजाब, झारखंड, आंध्र प्रदेश और तेलंगाना में प्रदेश अध्यक्षों को बदल दिया गया है. बीजेपी ने तेलंगाना में केंद्रीय मंत्री जी किशन रेड्डी, झारखंड में पूर्व सीएम बाबूलाल मरांडी, आंध्र प्रदेश में डी पुरंदेश्वरी और पंजाब में सुनील जाखड़ को प्रदेश अध्यक्ष बनाया है. इनमें कुछ नेता ऐसे हैं कि जो अन्य दलों को छोड़कर पार्टी में शामिल हुए हैं. आइये जानते हैं ये नेता कौन हैं और क्या बीजेपी की नैया पार लगा पाएंगे.
जी किशन रेड्डी
तेलंगाना के सिकंदराबाद से सांसद जी किशन रेड्डी केंद्रीय संस्कृति मंत्री हैं. इनका पूरा नाम गंगापुरम किशन रेड्डी है जिन्हें कि किशनअन्ना के नाम से भी जाना जाता है. किशन रेड्डी तीन बार विधायक रहे हैं. इतना नहीं वो तेलंगाना और आंध्र प्रदेश विधानसभा में बीजेपी की ओर से फ्लोर लीडर की जिम्मेदारी भी संभाल चुके हैं. रेड्डी का जन्म 15 जून 1964 को रंगारेड्डी जिला के तिमापुर गांव में हुआ था. उनके पिता जी स्वामी मध्यम वर्गीय किसान थे. किशन रेड्डी ने राजनीति की शुरुआत जनता पार्टी में युवा कार्यकर्ता के तौर पर की थी. इसके बाद 1980 में वो बीजेपी में शामिल हो गए थे. तब से पार्टी की मजबूत करने में जुटे हैं.
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बाबूलाल मरांडी
बाबूलाल मरांडी को बीजेपी ने झारखंड का प्रदेश अध्यक्ष बनाया है. वो बीजेपी के कद्दावर नेता माने जाते हैं. मरांडी मौजूदा समय में राज्य विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष हैं. राज्य के पहले मुख्यमंत्री बाबूलाल मरांडी प्रदेश अध्यक्ष के रूप में दीपक प्रकाश की जगह लेंगे. 2019 के विधानसभा चुनाव के बाद उन्होंने अपनी पार्टी का भारतीय जनता पार्टी में विलय करवा लिया था. बता दें कि झारखंड में लोकसभा की 14 सीटें हैं. 2019 चुनाव में एनडीए गठबंधन ने 12 सीटों पर जीत दर्ज की थी.
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डी.पुरंदेश्वरी
पूर्व केंद्रीय मंत्री दग्गुबाती पुरंदेश्वरी को आंध्र प्रदेश की कमान सौंपी गई है. पुरंदेश्वरी 2009 में मनमोहन सरकार में मानव संसाधन विकास मंत्रालय में राज्य मंत्री और उसके बाद 2012 में वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय में राज्य मंत्री रह चुकी हैं. पुरंदेश्वरी ने 2014 लोकसभा चुनाव से पहले कांग्रेस का साथ छोड़ दिया था और बीजेपी में शामिल हो गई थीं.
2014 में उन्होंने बीजेपी के टिकट पर लोकसभा चुनाव लड़ा लेकिन हार गई थीं. इसके बाद बीजेपी ने उन्हें महिला मोर्चा प्रभारी नियुक्त किया. 2020 से वह ओडिशा बीजेपी की राज्य प्रभारी रही हैं.
सुनील जाखड़
पंजाब में कांग्रेस का हाथ छोड़ बीजेपी का दामन थामने वाले सुनील जाखड़ कद्दावर नेता माने जाते हैं. वो 2017 से 2021 तक पंजाब कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष रह चुके हैं. जाखड़ 2012-2017 तक पंजाब विधानसभा में विपक्ष के नेता थे. वह मई 2022 में बीजेपी में शामिल हो गए थे. जाखड़ को पंजाब में बड़ी जिम्मेदारी सौंपी गई है. बीजेपी उन्हें 2024 लोकसभा चुनाव में अभिनेता सनी देओल की जगह पर गुरदासपुर से टिकट दे सकती है. सुनील जाखड़ के पिता बलराम सिंह जाखड़ कांग्रेस का बड़ा चेहरा रहे हैं.
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