भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) ने आगामी लोकसभा चुनावों के लिए अपने उम्मीदवारों की पहली सूची जारी कर दी है. बीजेपी ने 16 राज्यों के साथ दो केंद्र शासित प्रदेशों के कुल 195 उम्मीदवारों के नाम का ऐलान किया है.
बीजेपी के उम्मीदवारों की पहली सूची में 47 युवा नेता और 28 महिलाएं शामिल हैं, जिनमें अनुसूचित जाति (एससी) के 27, अनुसूचित जनजाति (एसटी) के 17 उम्मीदवार और अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) के 57 हैं, जबकि एक मुस्लिम चेहरे को टिकट दिया गया है.
पहली लिस्ट में बीजेपी ने 28 महिलाओं पर भरोसा जताया है. ऐसे में सवाल है कि क्या BJP 33 फीसदी आरक्षण का ख्याल रखेगी?
543 लोकसभा सीटों में से बीजेपी ने 195 उम्मीदवारों के नाम का ऐलान किया है, जिसमें से 28 महिलाएं शामिल हैं. जबकि अभी 348 सीटों पर उम्मीदवारों का ऐलान होना बाकी है.
ऐसे में यह देखना दिलचस्प होगा कि बीजेपी 348 सीटों में से कितनी सीटों पर महिलाओं को टिकट दिया जाता है.
इस बात पर भी चर्चा जोरों पर है कि 27 साल से संसद में अटके पड़े महिला आरक्षण बिल को पास करने वाली सरकार इस बात का ध्यान रखेगी कि ज्यादा से ज्यादा महिलाएं संसद में पहुंचे.
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दूसरे कार्यकाल ने मोदी सरकार ने पास किया महिला आरक्षण बिल
2014 में सत्ता में आई बीजेपी सरकार ने अपने पहले कार्यकाल में इस बिल की तरफ़ ध्यान नहीं दिया. नरेंद्र मोदी सरकार ने अपने दूसरे कार्यकाल में इसे पेश किया. जिसको लेकर मोदी सरकार की जमकर सराहना भी हुई.
हालाकिं, लोकसभा और विधानसभाओं में महिलाओं के लिए 33 प्रतिशत आरक्षण सुनिश्चित करने वाले इस विधेयक को प्रभाव में आने में अभी वक्त लगेगा क्योंकि अगली जनगणना के बाद लोकसभा और विधानसभा क्षेत्रों का परिसीमन होगा और फिर यह तय होगा कि महिला उम्मीदवारों के लिए कौन-कौन सीट होंगी.
अगर बीजेपी इसी चुनाव में 33 फीसदी आरक्षण का ख्याल रखती है तो यह महिलाओं के लिए एक तोहफा होगा क्योकिं जितनी अधिक संख्या में महिलाएं संसद की चौखट तक पहुचेंगी, महिलाओं से जुड़े उतने ज्यादा मुद्दे देश के सामने आएंगे.
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बीजेपी ने पहली लिस्ट में इन महिलाओं पर जताया भरोसा
भारतीय जनता पार्टी की पहली लिस्ट में महिला उम्मीदवारों पर भी फोकस किया गया है, ऐसे में यह अंदाजा लगया जा सकता है कि बीजेपी की अगली लिस्ट में भी ज्यादा महिला उम्मीदवारों को जगह दी जाएगी.
बीजेपी ने स्मृति ईरानी सहित 28 महिला कैंडिडेट्स को टिकट दिया है. जिसमें केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी का नाम चर्चा में है. बीजेपी ने उनपर एक बार फिर से भरोसा जताते हुए अमेठी से उम्मीदवार बनाया है.
स्मृति ईरानी को लेकर यह तय माना जा रहा था क्योंकि 2014 लोकसभा चुनाव में कांग्रेस नेता राहुल गांधी से हारने के बाद भी उन्हें 2019 में इसी सीट से टिकट दिया था और उन्होंने पार्टी का भरोसा भी जीता था.
- बिजुली कलिता मेधि - गुवाहाटी
- कमलेश जांगड़े - जांजगीर-चंपा (अजा)
- सरोज पांडे - कोरबा
- रुप कुमारी चौधरी - महासमुंद
- बांसुरी स्वराज - नई दिल्ली
- कमलजीत सहरावत - पश्चिम दिल्ली
- डॉ. रेखाबेन हितेशभाई चौधरी - बनासकांठा
- पूनमबेन माडम - जामनगर
- अन्नपूर्णा देवी - कोडरमा
- गीता कोड़ा - सिंहभूम (अजजा)
- एम. एल अश्वनी - कासरगोड़
- निवेदिता सुब्रमण्यम - पोन्नानी
- शोभा सुरेंद्रन - अलपुझा
- संध्या राय - भिंड (अजा)
- लता वानखेड़े - सागर
- हिमाद्री सिंह - शहडोल (अजजा)
- अनीता नागर सिंह चौहान - रतलाम (अजजा)
- ज्योति मिर्धा - नागौर
- डॉ. माधवी लता - हैदराबाद
- माला राज्य लक्ष्मी शाह - टेहरी गढ़वाल
- हेमा मालिनी - मथुरा
- रेखा वर्मा - धौरहरा
- साध्वी निरंजन ज्योति
- नीलम सोनकर - लालगंज
- श्रीरूपा मित्रा चौधरी - मालदा दक्षिण
- लॉकेट चटर्जी - हुगली
- प्रिया साहा - बोलपुर (अजा)
पहली संसद में पहुंची थी इतनी फीसदी महिलाएं
1951-52 में जब पहला लोकसभा चुनाव हुआ था, तब सिर्फ 6.9 फीसदी महिलाएं ही सांसद बनकर आई थीं. चुनाव आयोग की रिपोर्ट के मुताबिक, 2019 में 726 महिलाओं ने लोकसभा चुनाव लड़ा था लेकिन इनमें से सिर्फ 78 ही जीती थीं.
राजनीति में महिलाओं को प्रतिनिधत्व देने के मामले में भारत अपने पड़ोसियों पाकिस्तान और बांग्लादेश से भी पीछे है. 2011 की जनगणना के मुताबिक, देश में इस समय महिलाओं की आबादी 48.5% है. लेकिन जिस संसद और विधानसभाओं में कानून बनते हैं, वहां उनका प्रतिनिधित्व बहुत कम है.
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