डीएनए हिंदी: अपने सहयोगियों के खिलाफ बोलना पश्चिम बंगाल (West Bengal) के सीनियर भारतीय जनता पार्टी (BJP) लीडर दिलीप घोष (Dilip Ghosh) पर भारी पड़ा है. बीजेपी ने दिलीप घोष की पार्टी की स्टेट यूनिट के खिलाफ बयानबाजी पर नाराजगी जाहिर की है.
बीजेपी ने कहा है कि इस तरह की बयानबाजी बीजेपी के लिए अस्वीकार्य है और इससे न केवल पार्टी को नुकसान होगा बल्कि उनकी पहले की कड़ी मेहनत को भी बेकार कर देगा. पश्चिम बंगाल बीजेपी के पूर्व अध्यक्ष घोष ने अपने उत्तराधिकारी सुकांत मजूमदार पर निशाना साधते हुए उन्हें ऐसा अनुभवहीन नेता करार दिया जो हाल ही में नजर में आए हैं.
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सार्वजनिक मंचों पर बीजेपी नेताओं के खिलाफ बयानबाजी करें बंद
बीजेपी के राष्ट्रीय महासचिव अरुण सिंह ने तीखे शब्दों में घोष को लिखे पत्र में उन्हें सार्वजनिक मंचों पर पार्टी नेताओं के खिलाफ बोलने को लेकर आगाह किया है. अरुण सिंह ने कहा कि यह पत्र पार्टी अध्यक्ष जेपी नड्डा के निर्देश पर जारी किया गया है.
दिलीप घोष ने बताया था सुकांत मजूमदार को अनुभव हीन
पश्चिम बंगाल बीजेपी यूनिट के पूर्व अध्यक्ष घोष ने अपने उत्तराधिकारी सुकांत मजूमदार को एक अनुभवहीनन नेता बताया था. हालांकि, दिलीप घोष ने दावा किया कि उन्हें अभी तक ऐसा कोई पत्र नहीं मिला है और आश्चर्य जताया कि पत्र उन्हें मिलने से पहले ही मीडिया तक कैसे पहुंच गया.
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अरुण सिंह ने कहा कि इस तरह के बयानों से पार्टी की होने वाली गहरी पीड़ा और चिंता से वह घोष को अवगत कराना चाहते हैं और आपको सलाह देते हैं कि पश्चिम बंगाल में या कहीं भी अपने सहयोगियों के बारे में सार्वजनिक मंचों या मीडिया में टिप्पणी करने से परहेज करें.
दिलीप घोष की वजह से बंट सकता है बंगाल का नेतृत्व
बीजेपी ने कहा, 'इस तरह की टिप्पणियों से सिर्फ पार्टी को ही नुकसान होगा और अतीत में की गयी आपकी खुद की मेहनत भी निष्फल हो जाएगी. इसके अलावा, आपके कद के व्यक्ति जो राष्ट्रीय उपाध्यक्ष हैं, द्वारा इस तरह के बयानों से पार्टी कार्यकर्ताओं के बीच गहरा असंतोष, अशांति और अलगाव पैदा हो सकता है.'
अरुण सिंह ने कहा, 'BJP का राष्ट्रीय नेतृत्व मीडिया के जरिए ऐसे बयान जारी करने से काफी चिंतित है.नपार्टी कार्यकर्ता पश्चिम बंगाल राज्य भाजपा के अध्यक्ष के रूप में आपके द्वारा शुरू किए गए सराहनीय कार्यों को जारी रखने के लिए दिशा, समर्थन और प्रोत्साहन के लिए आपकी ओर देखते हैं.'
दिलीप घोष के बयान बढ़ाएंगे बीजेपी की मुश्किलें
बीजेपी का कहना है कि कुछ ऐसे मामले सामने आए हैं जब उनके कुछ बयानों ने राज्य के पार्टी नेताओं को दुख पहुंचाया है और भाजपा के केंद्रीय नेतृत्व को भी शर्मिंदा किया है.
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पश्चिम बंगाल भाजपा अध्यक्ष के रूप में घोष का कार्यकाल बेहद सफल माना जाता है. दिलीप घोष ने मामला सामने आने के बाद कहा, 'मुझे अभी तक ऐसा कोई पत्र नहीं मिला है. मैं वास्तव में इस तथ्य से चकित हूं कि पत्र मुझ तक पहुंचने से पहले ही मीडिया तक कैसे पहुंच गया था.'
क्या है तृणमूल कांग्रेस का रिएक्शन?
भाजपा की बंगाल इकाई के अन्य वरिष्ठ नेताओं ने इस मामले पर टिप्पणी करने से इनकार कर दिया. बंगाल में सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) ने ट्विटर पर कहा कि यह घटनाक्रम BJP खेमे में एकता की कमी को दर्शाता है.
टीएमसी ने ट्वीट किया, "हमने पहले भी कहा है और इसे फिर से कहेंगे कि BJP ने ताश के पत्तों का घर बनाया है जो तेजी से गिर रहा है. बीजेपी के केंद्रीय नेतृत्व द्वारा दिलीप घोष की निंदा उनकी पार्टी में संगठनात्मक एकता की कमी की ओर इशारा करता है. अपने रेत के महल को समुद्र से बचाएं.' (इनपुट: भाषा)
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