बजट भाषण पर चर्चा के दौरान समाजवादी पार्टी के प्रमुख और सांसद अखिलेश यादव ने बीजेपी पर जमकर हमला बोला. उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश में हार के बाद बीजेपी नेताओं ने एक-दूसरे से नमस्ते करना बंद कर दिया है. उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार ज्यादा दिन चलने वाली नहीं, बल्कि गिरने वाली सरकार है. यह 'साइकिल' के भरोसे ही चल रही है.
साइकिल समाजवादी पार्टी के साथ-साथ चंद्रबाबू नायडी की टीडीपी का भी चुनाव चिन्ह है. जो मौजूदा सरकार में एनडीए गठबंधन का हिस्सा है. सपा प्रमुख ने पिछले दिनों भाजपा शासित राज्यों के मुख्यमंत्रियों की पीएम मोदी के साथ बैठक से संबंधित एक वीडियो का हवाला देते हुए तंज कसा, ‘जबसे उत्तर प्रदेश में हारे हैं तब से कोई नमस्कार नहीं कर रहा है. वह वीडियो देखा आपने, कोई किसी को नमस्कार नहीं कर रहा है, कोई किसी को देख नहीं रहा है.'
'ताकतवर कहने वाले चुनाव हारने वाले को नहीं हटा पा रहे'
अखिलेश ने पीएम मोदी पर कटाक्ष करते हुए कहा, 'आप अपने आप को ताकतवर कहते थे, लेकिन जिसने लोकसभा चुनाव में हराया, उसे हटा नहीं पा रहे हैं.’ उन्होंने दावा किया कि केंद्र की सरकार चलने वाली नहीं, बल्कि गिरने वाली सरकार है. उन्होंने कहा कि साइकिल ही आपकी सरकार चलवा रही है. जिस दिन साइकिल हट गई, सरकार कैसे चलाएंगे.'
यूपी को 10 साल में क्या मिला?
उन्होंने कहा कि मोदी सरकार का यह 11वां बजट है, लेकिन फिर भी कोई उम्मीद नजर नहीं आती. इस बजट के बाद लोगों के चेहरों से मुस्कान गायब हो गई. सपा नेता ने आरोप लगाया कि बजट में युवाओं, बेरोजगारों और गांवों के लिए कुछ नहीं है और महंगाई पर अंकुश लगाने के लिए कुछ नहीं किया गया है. इस बजट से सबसे ज्यादा उत्तर प्रदेश के लोग दर्द में हैं, जिनके लिए पिछले 10 साल में कोई भी बड़ी परियोजना नहीं दी गई.
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उन्होंने दावा किया कि सपना तो यह भी दिखाया गया था कि अगर निजीकरण हो जाएगा तो नौकरी मिल जाएंगी, लेकिन नौकरियां कम होती चली गईं. उत्तर प्रदेश के चुनाव परिणाम से दिखाई दे रहा है कि इस सरकार ने कितना काम किया है. उन्होंने रेल हादसों का उल्लेख करते हुए कहा, ‘एक और रेल दुर्घटना की खबर सुनी है. जबसे यह सरकार आई है तब से रेल दुर्घटना और पेपर लीक में स्पर्धा चल रही है कि कौन आगे जाएगा.
सरकार कहती थी कि किसानों की आय वह दोगुनी कर देगी. 11 साल हो गए, क्या किसानों की आय दोगुनी हो गई? (सत्तापक्ष के) कई सदस्यों की सुनता हूं कि हम एमएसपी दे रहे हैं. अगर आप एमएसपी दे रहे हैं तो उसकी कानूनी गारंटी भी तो दीजिए.’ (PTI इनपुट के साथ)
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