डीएनए हिंदीः बीजेपी के वरिष्ठ नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री शहनवाज हुसैन (Shahnawaz Hussain) को सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) से बड़ा झटका लगा है. दिल्ली हाई कोर्ट की ओर से कथित रेप केस में एफआईआर दर्ज किए जाने के आदेश के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट ने जल्द सुनवाई से इनकार कर दिया है. इससे पहले दिल्ली हाई कोर्ट ने बुधवार को पुलिस को शाहनवाज हुसैन के खिलाफ दुष्कर्म सहित अन्य धाराओं में प्राथमिकी दर्ज कर तीन माह में जांच पूरी करने का निर्देश दिया था. इतना ही नहीं कोर्ट ने पुलिस को इस मामले में जांच 3 महीने में पूरी करने के लिए कहा है. इसी के खिलाफ शहनवाज हुसैन सुप्रीम कोर्ट पहुंचे थे.
क्या है मामला?
दिल्ली की रहने वाली एक महिला ने शहनवाज हुसैन पर रेप का मामला दर्ज कराया है. महिला का आरोप था कि शाहनवाज हुसैन ने छतरपुर फार्म हाउस में उसके साथ दुष्कर्म किया और जान से मारने की धमकी दी. महिला ने जनवरी 2018 में निचली अदालत में याचिका दायर कर हुसैन के खिलाफ रेप का केस दर्ज कराने की अपील की थी. इस मामले में पुलिस ने निचली अदालत में रिपोर्ट पेश कर कहा था कि शाहनवाज हुसैन के खिलाफ मामला नहीं बनता. हालांकि, निचली अदालत ने अपने फैसले में पुलिस के तर्क को खारिज कर दिया था अदालत ने कहा था कि महिला की शिकायत में संज्ञेय अपराध का मामला है. इस मामले को शहनवाज हुसैन ने दिल्ली हाईकोर्ट में चुनौती दी. दिल्ली हाईकोर्ट में जस्टिस आशा मेनन की बेंच ने पुलिस को कुछ सालों पहले पीड़ित महिला की ओर से की गई शिकायत में केस दर्ज करने का आदेश दिया है.
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केंद्र और बिहार सरकार में रहे मंत्री
शहनवाज हुसैन की गिनती बीजेपी के बड़े नेताओं में की जाती है. शाहनवाज हुसैन तीन बार सांसद भी रहे हैं. वे 1999 में किशन गंज से सांसद बने थे. हालांकि, 2004 में उन्हें इस सीट पर हार का सामना करना पड़ा. इसके बाद वे 2006 में भागलपुर में हुए उपचुनाव में जीतकर लोकसभा पहुंचे. उन्होंने यहां से 2009 में भी जीत हासिल की. हालांकि, 2014 के लोकसभा चुनाव में उन्हें हार का सामना करना पड़ा. शहनवाज हुसैन अटल बिहारी वाजपेयी सरकार में मंत्री रहे हैं. इतना ही नहीं वह बीजेपी-जेडीयू गठबंधन की बिहार सरकार में भी मंत्री थे.
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