डीएनए हिंदी: भारतीय संविधान में देश का नाम 'INDIA that is BHARAT' लिखा गया है. विपक्षी गठबंधन का नाम INDIA रखे जाने के बाद से ही कई तरह की बहस हो रही है. अब चर्चा है कि संसद के विशेष सत्र में संविधान से 'INDIA' नाम को हटाया जा सकता. असम के सीएम हिमंत बिस्व सरमा ने एक ट्वीट में कुछ ऐसी संकेत भी दिए हैं. वहीं, कांग्रेस पार्टी के वरिष्ठ नेता जयराम रमेश ने गंभीर आरोप लगाए हैं कि G20 सम्मेलन के एक कार्यक्रम में 'प्रेसिडेंट ऑफ इंडिया' को 'प्रेसिडेंट ऑफ भारत' लिखा गया है. हाल ही में सत्ता पक्ष के कई नेताओं ने भी 'INDIA' नाम को गुलामी का प्रतीक बताते हुए इस हटाने की अपील की थी.
सूत्रों ने कहा कि 18-22 सितंबर तक होने वाले संसद के विशेष सत्र में सरकार 'इंडिया' शब्द हटाने के प्रस्ताव से संबंधित विधेयक पेश कर सकती है. इसके अलावा, विशेष सत्र के दौरान सफल चंद्रमा मिशन चंद्रयान-3 और आदित्य एल-1 सौर मिशन के प्रक्षेपण सहित देश द्वारा हासिल की गई हाल की सफलताओं पर भी चर्चा होने की संभावना है, जिन्होंने वैश्विक सराहना बटोरी. सूत्रों के मुताबिक, 2047 तक भारत को 'विकसित देश' बनाने का रोडमैप तैयार किया जाएगा और इसी विषय पर चर्चा भी होगी.
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हाल ही में आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत ने भी लोगों से इंडिया की जगह भारत शब्द का इस्तेमाल करने की अपील करते हुए कहा था कि 'हमारे देश का नाम सदियों से भारत ही रहा है.' गौरतलब है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अमृत काल के पांच व्रतों पर जोर देते हुए कहा था कि इनमें से एक गुलामी की मानसिकता से मुक्ति भी शामिल है. इस दिशा में सरकार ने कई कदम उठाए हैं, जिनमें शिक्षा नीति में बदलाव से लेकर प्रतीकों को हटाना, गुलामी से संबंधित सड़कों और स्थानों के नाम बदलना, औपनिवेशिक सत्ता से जुड़े लोगों की मूर्तियां हटाना और प्रमुख (ऐतिहासिक) भारतीयों की मूर्तियां स्थापित करना शामिल है.
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जयराम रमेश के दावे से मची सनसनी
कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने एक ट्वीट करके कहा है कि राष्ट्रपति भवन की ओर से 9 सिंतबर को G20 सम्मेलन के डिनर के लिए जो न्योता भेजा गया है वह 'प्रेसिडेंट ऑफ इंडिया' के बजाय 'प्रेसिडेंट ऑफ भारत' के नाम से भेजा गया है. उन्होंने यहां भारतीय संविधान के अनुच्छेद 1 का उल्लेख भी किया है जो देश के नाम को वर्णित करता है.
वहीं, असम के सीएम हिमंत बिस्व सरमा ने एक ट्वीट किया है, 'रिपब्लिक ऑफ भारत- खुशी और गर्व है कि हमारी सभ्यता अमृत काल की ओर बड़े साहस के साथ आगे बढ़ रहा है.'
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