Bansuri Swaraj को भारतीय जनता पार्टी ने नई दिल्ली सीट से अपने कैंडीडेट चुना है. इस सीट पर भाजपा का ही आधिपत्य रहा है. फिलहाल भी इस सीट से भाजपा की ही मीनाक्षी लेखी सांसद हैं, जो केंद्रीय मंत्री भी हैं. ऐसे में एक मंत्री की जगह चुनाव लड़ने के मौके को खुद बांसुरी किस तरह देखती हैं, जब उनसे यह पूछा गया तो उन्होंने कहा, 'भाजपा में सभी कार्यकर्ता होते हैं और पार्टी जिसे दायित्व देती है, उसे वह निभाता है.' बांसुरी DNA Women Achievers Award में अतिथि के तौर पर पहुंची थीं. इस दौरान उन्होंने DMCL (DILIGENT MEDIA CORPORATION LIMITED) के CEO सुशांत मोहन के साथ कुछ दिलचस्प बातें साझा कीं.
दिल्ली में क्या रहेगा चुनावी मुद्दा?
बांसुरी से जब नई दिल्ली से टिकट मिलने और आने वाली चुनौतियों के बारे में पूछा गया तो उन्होंने बड़ी ही बेबाकी से कहा, 'दिल्ली की जनता, आम आदमी पार्टी की भ्रष्ट सरकार से परेशान हो चुकी है.' उन्होंने इस दौरान दिल्ली के कुछ ऐसे मुद्दों को उजागर किया जैसे, नकली दवाइयां, फर्जी पैथोलॉजिकल टेस्ट, शराब घोटाला और करप्शन. साथ ही उन्होंने पीएम 'मोदी की गारंटी' पूरी करने का वादा भी किया.
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मीनाक्षी लेखी का क्या है बांसुरी को टिकट मिलने पर रिएक्शन?
बांसुरी स्वराज से इस दौरान नई दिल्ली सीट से मौजूदा सांसद मीनाक्षी लेखी के बारे में पूछा गया तो उन्होंने बताया कि कुछ दिन पहले उनकी मुलाकात मीनाक्षी लेखी से हुई है. इस पर उनसे जब यह पूछा गया कि आपको सीट दिए जाने के बाद मीनाक्षी लेखी और आपके बीच कोई खटास या मनमुटाव हुआ है? इस पर बांसुरी स्वराज ने तपाक से कहा, 'बीजेपी में सभी कार्यकर्ता होते हैं और पार्टी जो भी दायित्व कार्यकर्ता को सौंपती है, वह उसे निभाता है.' उन्होंने कहा, 'ठीक वैसा ही मेरे और मीनाक्षी दीदी के बीच में भी हुआ है. मैंने जब मीनाक्षी दीदी से मुलाकात की तो उन्होंने मुझे भर-भरकर आशीर्वाद दिया और कहा कि वे सदा मेरा मार्गदर्शन करेंगी.'
'मैं अपनी मां से संस्कारों का ही सार'
बांसुरी से इस दौरान यह भी पूछा गया कि उन्हें अपनी मां सुषमा स्वराज से क्या मिला है तो उन्होंने कहा, 'हम सब हमारे माता-पिता के संस्कारों का ही सार होते हैं. मैं भी अपनी मां के संस्कारों का ही सार हूं.' बांसुरी ने आगे कहा, 'मेरे व्यक्तित्व को गढ़ने में मेरी मां का सबसे बड़ा योगदान है. इसके साथ ही मेरे जीवन में आने वाली हर चुनौतियां के लिए मेरे सिर पर हमेशा मेरी मां का आशीर्वाद रहेगा. मुझे मेरी मां हमेशा सीख देती थीं कि आपको जो भी दायित्व मिले, उसे हमेशा पूरी निष्ठा से पूरा करना चाहिए.'
'महिला सशक्तिकरण कोई मुद्दा नहीं बल्कि बड़ा संकल्प'
महिला सशक्तिकरण को बांसुरी स्वराज ने एक मुद्दा नहीं बल्कि बड़ा संकल्प बताया है. उन्होंने कहा कि Gen-z की महिलाओं के नेतृत्व में ही भारत का सशक्तिकरण होगा. उन्होंने कहा, '2047 तक एक विकसित भारत का निर्माण तभी संभव है, जब इसमें महिलाओं का योगदान होगा. महिलाओं के योगदान के बिना यह संकल्प अधूरा है.' पुराणों का उदाहरण देते हुए बांसुरी ने आगे कहा, 'जब देवताओं को असुरों पर चढ़ाई करनी थी, तब भी ब्रह्मा-विष्णु के होते हुए देवी शक्ति का आह्वान करना पड़ा था. इसी तरह देश के विकास में महिलाओं का योगदान बहुत जरूरी है. महिलाएं भारत के भाग्य की शिल्पकार हैं, जो नए भारत को गढ़ने में हमारी मदद करेंगी.'
इसके साथ ही उन्होंने महिलाओं के लिए मोदी सरकार द्वारा किए गए प्रयासों को भी गिनाया. उन्होंने कहा कि 'बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ' योजना के बाद लैंगिक अनुपात का अंतर कम हुआ है. जनधन योजना में महिलाओं के ही 69% बैंक अकाउंट खुले हैं. उज्ज्वला योजना से महिलाओं को धुएं से मुक्ति मिल गई और यह सब केवल मोदी जी के प्रयासों से ही संभव हुआ है.
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