डीएनए हिंदी: साल 2014 में केंद्र की सत्ता में नरेंद्र मोदी सरकार के आने के बाद से ही भारतीय जनता पार्टी की रणनीति हर विषय पर पहले से अलग नजर आती है. सियासी जानकारों का मानना है कि 'मोदी-शाह' के इस युग में भाजपा हर समय चुनाव की तैयारी कर रही होती है, उसका हर निर्णय अगले चुनाव को लेकर तो होता ही है बल्कि वो ऐसे समुदाय के वोटों को हासिल करना का भी प्रयास करती है, जो परंपरागत रूप से उन्हें वोट देने से परहेज करते रहे हैं.
साल 2024 के लोकसभा चुनावों को देखते हुए भारतीय जनता पार्टी (BJP) ने अब मुस्लिम समुदाय को लेकर अपनी रणनीति पर ज्यादा आक्रामकता से काम करना शुरू कर दिया है. मुस्लिम समुदाय के पसमांदा समाज पर भाजपा की विशेष नजर है. अपने चुनावी आधार का विस्तार करने के अपने प्रयासों के तहत भाजपा पसमांदा मुसलमानों सहित अधिक वर्गों तक पहुंचने की योजना पर काम कर रही है. इस योजना में भाजपा का मददगार साबित हो रहा है मुस्लिम राष्ट्रीय मंच.
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RSS से संबंधित यह संगठन अल्पसंख्यक समुदाय के बीच 'विपक्षी दलों द्वारा पैदा की गई'किसी भी 'आशंका' और 'भय' को दूर करने का प्रयास करता दिखाई देगा. सूत्रों का कहना है कि राष्ट्रीय मुस्लिम मंच का उद्देश्य लोगों, विशेषकर मुसलमानों तक पहुंचना है और उनकी किसी भी आशंका को दूर करना है. कहा जा रहा है कि मुस्लिम राष्ट्रीय मंच का यह कार्यक्रम अगस्त में शुरू होने की संभावना है.
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मुस्लिम राष्ट्रीय मंच के प्रवक्ता शाहिद सईद ने कहा कि वे एक "राष्ट्रवादी ताकत" हैं जो समुदायों के बीच शांति और सद्भाव को बढ़ावा देने के लिए साल भर काम करते हैं. उन्होंने कहा,"हम विविधता में एकता का लक्ष्य रखते हैं. हम देश में भय और तनाव के माहौल को दूर करने के लिए प्रतिबद्ध हैं. हम कुछ राजनीतिक दलों द्वारा बनाए गए भय को खत्म करने के लिए भाजपा के साथ हैं. हम लोगों तक पहुंचेंगे और उन्हें सरकार की सकारात्मक दृष्टि के अलावा सरकार द्वारा उनके लाभ के लिए लाई गई योजनाओं और नीतियों से अवगत कराएंगे."
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शाहिद सईद ने आगे कहा कि देश में ध्रुवीकरण करने की कोशिश कर रही आंतरिक और बाहरी ताकतों की हम निंदा करते हैं. आपको बता दें कि भाजपा अपने राजनीतिक आधार का विस्तार करने के लिए संसद के मानसून सत्र के बाद बड़े पैमाने पर आउटरीच कार्यक्रम शुरू करने की योजना बना रही है. हैदराबाद में भाजपा की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक के दौरान, पीएम मोदी ने पार्टी नेताओं से पार्टी और कुछ वंचित वर्गों के लोगों, विशेष रूप से पसमांदा (ओबीसी) मुसलमानों के बीच मतभेदों को पाटने के लिए 'स्नेह यात्रा' निकालने को कहा है.
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