लोकसभा और आंध्र प्रदेश विधानसभा चुनाव से ठीक पहले राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) के लिए अच्छी खबरें आ रही हैं. 2019 के लोकसभा चुनाव में विपक्षी एकता के सूत्रधार बनने वाले तेलुगू देश पार्टी (टीडीपी) के मुखिया चंद्रबाबू नायडू एक बार फिर से भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के साथ हाथ मिलाने को तैयार हैं. गुरुवार को चंद्रबाबू नायडू और जनसेना पार्टी के मुखिया पवन कल्याण ने दिल्ली में अमित शाह और बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जे पी नड्डा से मुलाकात की. रिपोर्ट के मुताबिक, ये तीनों पार्टियां लोकसभा और विधानसभा का चुनाव एकसाथ लड़ सकती हैं. सीटों के बंटवारे पर भी लगभग बात बन गई है और जल्द ही इसका औपचारिक ऐलान कर दिया गया है.
टीडीपी भी बीजेपी की अगुवाई वाले एनडीए का हिस्सा थी लेकिन 2018 में चंद्रबाबू नायडू के राज्य के मुख्यमंत्री रहने के दौरान वह इससे बाहर हो गई थी. सूत्रों ने कहा कि दोनों पार्टियां हाथ मिलाने के लिए तैयार हैं लेकिन बहुत कुछ इस बात पर निर्भर करेगा कि वे आपसी सहमति से सीट-बंटवारे की व्यवस्था पर पहुंचते हैं या नहीं. दोनों नेताओं के बीच हालिया महीनों में हुई दूसरी बैठक के बाद गठबंधन की संभावनाएं प्रबल हो गई हैं.
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क्या कहते हैं TDP के नेता?
टीडीपी के नेताओं का कहना कि गठबंधन बनाने में अब और देरी फायदेमंद नहीं होगी क्योंकि चुनाव करीब आ रहे हैं और कोई भी अस्पष्टता पार्टी कार्यकर्ताओं और समर्थकों को भ्रमित कर सकती है. अभिनेता पवन कल्याण की अगुवाई वाली जन सेना पार्टी ने पहले ही टीडीपी के साथ हाथ मिला लिया है और चाहती है कि बीजेपी भी इसमें सहयोगी बने ताकि राज्य की सत्ता से वाईएसआर कांग्रेस के जगन मोहन रेड्डी को बेदखल किया जा सके. जन सेना एनडीए की घटक है.
यह घटनाक्रम ऐसे समय में सामने आया है जब इस बात के साफ संकेत मिल रहे हैं कि ओडिशा का सत्तारूढ़ बीजू जनता दल (बीजेडी) भी एनडीए में शामिल हो सकता है. बीजेपी और बीजेडी के नेता इस गठबंधन को अंतिम रूप देने की कगार पर हैं. दोनों दलों के वरिष्ठ नेताओं ने बुधवार को अलग-अलग बैठकें कीं, जिससे इस संभावना को और बल मिला. चंद्रबाबू नायडू ने फरवरी में अमित शाह और बीजेपी अध्यक्ष जे.पी. नड्डा से मुलाकात की थी. इसके बाद इन अटकलों को बल मिला था कि वे गठबंधन की ओर बढ़ रहे हैं. हालांकि, अब तक चीजें ठोस रूप से सामने नहीं आई हैं.
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सीटों के बंटवारे पर फंसा है पेच
सूत्रों ने बताया कि दोनों दलों के बीच इस बात को लेकर मतभेद था कि बीजेपी आंध्र प्रदेश में कितनी सीट पर चुनाव लड़ेगी. दक्षिण के इस राज्य में बीजेपी की उपस्थिति प्रभावी नहीं रही है. राज्य में लोकसभा की 25 और विधानसभा की 175 सीटें हैं. बीजेपी यहां 8 से 10 संसदीय सीट पर चुनाव लड़ना चाहती है. हालांकि, टीडीपी के सूत्रों ने कहा कि गठबंधन की स्थिति में बीजेपी लोकसभा की पांच से छह सीट, जन सेना तीन और टीडीपी बाकी सीटों पर चुनाव लड़ सकती है. बीजेपी के लिए स्थिति इस वजह से जटिल हो गई है कि वाईएसआर कांग्रेस के अध्यक्ष जगन मोहन रेड्डी संसद में मोदी सरकार के एजेंडे का स्पष्ट रूप से समर्थन करते रहे हैं और इसके वरिष्ठ नेताओं के साथ उनके अच्छे व्यक्तिगत संबंध हैं.
अगर चंद्रबाबू नायडू, बीजेपी और पवन कल्याण मिल जाते हैं तो आंध्र प्रदेश में लड़ाई त्रिकोणीय हो जाएगी. एक तरफ सत्ताधारी वाईएसआर कांग्रेस है, दूसरी तरफ अब वाई एस शर्मिला की अगुवाई में आक्रामक हो रही कांग्रेस और तीसरा पक्ष एनडीए हो जाएगा.
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