डीएनए हिंदी: अडानी ग्रुप का मामला अब दुनियाभर में फैलता जा रहा है. ब्रिटेन के पूर्व प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन (Boris Johnson) के भाई लॉर्ड जो जॉनसन ने अडानी ग्रुप (Adani Group) की एक कंपनी से इस्तीफा दे दिया है. दूसरी तरफ, अडानी ग्रुप-हिंडनबर्ग केस पर कांग्रेस समेत पूरा विपक्ष संसद से सड़क तक हमलावर है. कांग्रेस ने सीधा सवाल उठाया है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी संसद में क्यों नहीं आ रहे हैं? हिंडनबर्ग रिपोर्ट सामने आने के बाद से अडानी ग्रुप की संपत्ति तेजी से कम हो रही है और उसके शेयरों के दाम गिरते जा रहे हैं. इसी बीच आरबीआई ने भारतीय बैंकों से जानकारी मांगी है कि उन्होंने अडानी ग्रुप को कितना लोन दे रखा है.
बोरिस जॉनसन के छोटे बाई जो जॉनसन अडानी एंटरप्राइजेज से जुड़ी ब्रिटेन बेस्ड कंपनी एलारा कैपिटल के गैर-कार्यकारी निदेशक के पद से इस्तीफा दे दिया है. यह इस्तीफा ठीक उसी वक्त आया है जब अडानी एंटरप्राइजेज ने अपने एफपीओ को वापस ले लिया है. रिपोर्ट के मुताबिक, एलारा कैपिटल एक निवेशक कंपनी है जो भारतीय कंपनियों के लिए फंडिंग जुटाने का काम करती है. जो जॉनसन का कहना है कि उन्हें कंपनी की अच्छी हालत का भरोसा दिलाया गया था लेकिन अब उन्होंने इस क्षेत्र में कम जानकारी होने की वजह बताकर इस्तीफा दे दिया है.
यह भी पढ़ें- 'हिसाब, जवाब और जानकारी' अब LIC लेगा अडानी ग्रुप की खबर, पढ़ें 5 जरूरी बातें
पीएम मोदी पर हमलावर हुई कांग्रेस
इसी मुद्दे पर कांग्रेस प्रवक्ता सुप्रिया श्रीनेत ने ट्वीट करके पूछा है कि आखिर प्रधानमंत्री कहां हैं? सुप्रिया श्रीनेत ने अपने ट्वीट में लिखा है, 'जो जॉनसन ने एलारा कैपिटल से इस्तीफा दे दिया है. यूके में लोग एक्शन में हैं लेकिन SEBI ने अब तक कुछ नहीं किया. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कहां है? संसद से क्यों भाग रहे हैं?' आपको बता दें कि अडानी ग्रुप के लिए बुरा समय तब शुरू हुआ जब अमेरिका की रिसर्च कंपनी हिंडनबर्ग ने अपनी रिपोर्ट में अडानी ग्रुप की कंपनियों पर धोखाधड़ी और फर्जी तरीके से शेयर के दाम बढ़ाने का आरोप लगाया.
यह भी पढ़ें- Adani Group FPO: वापस क्यों ले लिया FPO, अब खुद गौतम अडानी ने बताई वजह
कांग्रेस ने फैसला किया है कि वह इस मामले को लेकर आगामी 6 फरवरी को जिला स्तर पर भारतीय जीवन बीमा निगम (LIC) और भारतीय स्टेट बैंक (SBI) के कार्यालयों के बाहर प्रदर्शन करेगी. कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने संवाददाताओं से कहा, 'हम विपक्षी दलों ने मिलकर इस मामले में एक रुख तय किया है. एलआईसी के पैसे की बर्बादी और कई बैंकों का पैसा अडाणी एंटरप्राइजेज में लगा हुआ है. हम किसी व्यक्ति को निशाना नहीं बना रहे हैं. हमारा सिर्फ यह कहना है कि आम लोगों के पैसे की सुरक्षा होनी चाहिए.'
यह भी पढ़ें- Adani के इन 5 शेयरों में निवेश करने वालों का डूबा पैसा, लोअर सर्किट लगा, अब आगे क्या?
गौरतलब है कि अदाणी एंटरप्राइजेज ने बुधवार को अपने 20 हजार करोड़ रुपये के एफपीओ को वापस लेने और निवेशकों का पैसा लौटाने की घोषणा की. हालांकि, कंपनी के एफपीओ को मंगलवार को पूरा सब्सक्रिप्शन मिल गया था. समझा जाता है कि अदाणी एंटरप्राइजेज ने यह कदम अमेरिका की 'शॉर्टसेलिंग' कंपनी हिंडनबर्ग की रिपोर्ट के बाद उठाया है. हालांकि अदाणी समूह ने रिपोर्ट को निराधार बताया था.
देश-दुनिया की ताज़ा खबरों Latest News पर अलग नज़रिया, अब हिंदी में Hindi News पढ़ने के लिए फ़ॉलो करें डीएनए हिंदी को गूगल, फ़ेसबुक, ट्विटर और इंस्टाग्राम पर.