G-20 Summit: भारत में ऋषि सुनक को बड़ा झटका, ब्रिटेन का दूसरा बड़ा शहर हुआ दिवालिया 

डीएनए हिंदी वेब डेस्क | Updated:Sep 09, 2023, 04:26 PM IST

Rishi Sunak

Birmingham Bankrupt: ब्रिटेन के पीएम ऋषि सुनक फिलहाल भारत में जी-20 समिट में हिस्सा लेने के लिए आए हुए हैं. उधर ब्रिटेन के दूसरे सबसे बड़े शहर बर्मिंघम ने खुद को दिवालिया घोषित कर दिया है. जानें क्या है पूरा मामला. 

डीएनए हिंदी: ब्रिटेन कोरोना और ब्रेक्जिट जैसी वजहों से आर्थिक मंदी के दौर से गुजर रहा है. इसक असर भी दिख रहा है और देश के दूसरे सबसे बड़े शहर बर्मिंघम ने खुद को दिवालिया घोषित कर दिया है. बर्मिंघम सिटी काउंसिल ने खुद इसे कबूल किया है और मंगलवार को धारा 114 नोटिस दायर किया है. नोटिस के तहत कहा गया है कि सिटी काउंसिल के पास अब पैसों की काफी कमी है और इसलिए सभी गैर-जरूरी खर्चे पूरी तरह से बंद कर दिए गए हैं. शहर में अब सिर्फ आवश्यक खर्चों के लिए ही काउंसिल की ओर से फंड जारी किया जाएगा. बर्मिंघम में दुनिया के अलग-अलग हिस्सों से लोग रहने के लिए आते हैं और पिछले साल यहीं कॉमनवेल्थ गेम्स का आयोजन भी हुआ था.  

सभी गैर-जरूरी खर्चे किए गए बंद
ब्रिटेन के दूसरे सबसे बड़े शहर बर्मिंघम (Birmingham) बड़े आर्थिक संकट में फंस गया है. सिटी काउंसिल ने कुल 954 मिलियन डॉलर के समान वेतन के दावे जारी होने के बाद सभी गैर-जरूरी खर्च बंद कर दिए हैं. शहर ने खुद को दिवालिया (Birmingham Bankrupt) घोषित कर दिया है. वित्तीय वर्ष 2023-24 के लिए इस शहर को 87 मिलियन पाउंड (109 मिलियन अमेरिकी डॉलर) के घाटे का अनुमान है. इस वित्तीय वर्ष के लिए आवंटित पूरी राशि लगभग खर्च हो चुकी है. सिटी काउंसिल अपने फंड से 10 लाख से ज्यादा लोगों को सुविधाएं देती है और अब बड़ा सवाल है कि आगे के सारे इंतजाम कैसे होंगे. 

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ऋषि सुनक ने इसके लिए एडमिनिस्ट्रेशन को ठहराया जिम्मेदार
भारतीय मूल के ब्रिटिश प्रधान मंत्री ऋषि सुनक (British PM Rishi Sunak) ने बर्मिंगम सिटी के दिवालिया होने के लिए इसके लेबर एडमिनिस्ट्रेशन को जिम्मेदार ठहराया है. उन्होंने यह भी कहा कि यह शहर में रहने वाले लोगों के लिए बहुत चिंताजनक स्थिति है. हालांकि, उन्होंने आश्वासन दिया है कि शहर के लोगों की बेहतरी और बर्मिंगम की विरासत को बचाए रखने के लिए सरकार सभी संभव विकल्पों पर विचार करेगी और हर मुमकिन सहायता भी की जाएगी.

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सिटी काउंसिल ने कहा कि समान वेतन दावे के लिए नहीं हैं संसाधन 
बर्मिंगम सिटी काउंसिल की ओर से दायर किए गए नोटिस में कहा गया है कि काउंसिल के पास समान वेतन दावे के मुताबिक रकम चुकाने के लिए पर्याप्त फंड नहीं है. समान वेतन दावों की संभावित लागत 650 मिलियन पाउंड (लगभग 816 मिलियन डॉलर) बताई जा रही है. काउंसिल का कहना है कि अपनी आर्थिक क्षमता से ज्यादा की रकम पहले ही खर्च हो चुकी है और अब वेतन भुगतान तक के लिए फंड्स नहीं हैं. ऐसे में सिर्फ आवश्यक सेवाओं की पूर्ति के लिए ही फंड दिए जा सकेंगे.

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