बहुजन समाज पार्टी (BSP) की राष्ट्रीय अध्यक्ष मायावती (Mayawati) ने अपने भतीजे आकाश आनंद (Akash Anand) को 'अपरिपक्व' बताकर उन्हें नैशनल कॉर्डिनेटर पद से हटा दिया. मायावती के इस फैसले पर सपा प्रमुख अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) सहित कई नेताओं ने सवाल उठाए हैं. इस बीच आकाश आनंद की पहली प्रतिक्रिया सामने आई है. जिसमें उन्होंने मायवती के फैसले को सही ठहराया है. उन्होंने कहा कि मायावती का फैसला वह स्वीकार करते हैं.
आकाश आनंद ने एक्स पर लिखा,'आदरणीय बहन मायावती जी, आप पूरे बहुजन समाज के लिए एक आदर्श हैं, करोड़ों देशवासी आपको पूजते हैं. आपके संघर्षों की वजह से ही आज हमारे समाज को एक ऐसी राजनैतिक ताकत मिली है, जिसके बूते बहुजन समाज आज सम्मान से जीना सीख पाया है. आप हमारी सर्वमान्य नेता हैं. आपका आदेश सिर माथे पर. भीम मिशन और अपने समाज के लिए मैं अपनी अंतिम सांस तक लड़ता रहूंगा.’
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अखिलेश यादव ने कही यह बात
सपा प्रमुख ने बसपा में हो रहे फेरबदल को लेकर मायावती पर निशाना साधा. उन्होंने लिखा,'बसपा ने अपने संगठन में बड़े बदलाव का जो भी क़दम उठाया है वो उनकी पार्टी का आंतरिक विषय है. दरअसल इसके पीछे असली कारण ये है कि बसपा की एक भी सीट आती हुई नहीं दिख रही है क्योंकि बसपा के अधिकांश परंपरागत समर्थक भी इस बार संविधान और आरक्षण को बचाने के लिए इंडिया गठबंधन को ही वोट दे रहे हैं.'
उन्होंने कहा कि इस बात को बसपा अपने संगठन की विफलता के रूप में ले रही है. इसीलिए उनका शीर्ष नेतृत्व संगठन में इतना बड़ा फेर-बदल कर रहा है लेकिन अब बाज़ी बसपा के हाथ से निकल चुकी है. सच तो ये है कि जब बसपा का प्रभाव क्षेत्र होते हुए भी पिछले तीन चरणों में उनकी एक भी सीट नहीं आ रही है तो फिर बाकी के चार चरणों में तो कोई संभावना बचती ही नहीं है.
अखिलेश यही नहीं रुके, उन्होंने जनता से अपील की कि आप अपना वोट ख़राब न करें और जो बाबासाहेब भीमराव अम्बेडकर जी के संविधान को बचाने के लिए सामने से लड़ रहे हैं, इंडिया गठबंधन के उन प्रत्याशियों को वोट देकर जिताएं और संविधान के संग, आरक्षण भी बचाएं. इसीलिए आग्रह है कि संविधान, आरक्षण और अपना मान-सम्मान बचाना है तो अपना वोट सपा को दें या जहाँ इंडिया गठबंधन का प्रत्याशी हो, वहां डालकर संविधान और आरक्षण विरोधी भाजपा को हराएं.
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मायावती ने दिया जवाब
मायावती ने अखिलेश यादव के बयान पर पलटवार किया. उन्होंने एक्स पर लिखा,'बीएसपी संगठन में क्या कुछ चल रहा है, इस पर घोर दलित-विरोधी सपा अगर कोई टिप्पणी व चिन्ता नहीं करे तो बेहतर. इसके बदले सपा नेतृत्व को चुनाव में उतारे गए, उनके अपने परिवार व उनके यादव समाज के प्रत्याशियों का क्या हाल है इसकी केवल चिन्ता करें क्योंकि उन सब का हाल बेहाल है.'
मायावती ने आगे लिखा कि सपा का चाल, चरित्र व चेहरा, हमेशा की तरह आज भी, जबरदस्त दलित, अति-पिछड़ा व संविधान में इनको दिए गए आरक्षण आदि के अधिकारों की विरोधी पार्टी का है. प्रमोशन में आरक्षण को खत्म करना तथा इस सम्बंध में बिल को संसद में फाड़ना आदि इनके ऐसे कार्य हैं जिसे माफ करना मुश्किल है. उन्होने कहा कि बीएसपी सरकार द्वारा बहुजन समाज में जन्मे महान संतों, गुरुओं व महापुरुषों के आदर-सम्मान में उनके नाम पर यूपी में बनाए गए जिलों, पार्कों, विश्वविद्यालयों आदि के नाम को जातिवादी सोच के कारण बदलना सपा सरकार के ऐसे कृत्य हैं, जो इतिहास में काले कारनामे के रूप में दर्ज हैं.
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