वाराणसी से PM मोदी के खिलाफ BSP ने बदला उम्मीदवार, जानें अब किसे मैदान में उतारा
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रईश खान
| Updated: Apr 19, 2024, 07:43 PM IST
पीएम नरेंद्र मोदी और मायावती (file photo)
BSP Candidates List: मायावती ने वाराणसी लोकसभा सीट से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ अतहर जमाल लारी का नाम घोषित किया था, लेकिन अब पार्टी ने अपना उम्मीदवार बदल दिया है.
लोकसभा चुनाव (Lok Sabha Elections 2024) के लिए बहुजन समाज पार्टी (BSP) ने अपने उम्मीदवारों की छठी लिस्ट जारी कर दी है. पार्टी ने 11 उम्मीदवारों के नाम का ऐलान किया है. साथ ही वाराणसी सीट पर पीएम नरेंद्र मोदी के खिलाफ अपना प्रत्याशी भी बदल दिया है. पार्टी ने अतहर जमाल लारी की जगह अब सैयद नियाज अली (मंजू भाई) को वाराणसी से मैदान में उतारा है.
बसपा ने एमएलसी भीमराव अंबेडकर को हरदोई से उम्मीदवार बनाया है. वहीं, संत कबीर नगर से मोहम्मद आलम, फतेहपुर से मनीष सचान, फिरोजाबाद से चौधरी बशीर, सीतापुर से महेंद्र यादव, महाराजगंज से मौसमे आलम, मिश्रिख से बीआर अहिरवार, वाराणसी से उम्मीदवार बदलकर नेयाज अली को टिकट दिया है.
इसके अलावा मछली शहर से कृपा शंकर सरोज, भदोही से अतहर अंसारी और फूलपुर से जगन्नाथ पाल को उम्मीदवार घोषित किया गया है.
मायावती ने क्यों कहा- पहले मतदान, फिर जलपान
बसपा सुप्रीमो मायावती ने आज वोटिंग शुरू होने से पहले लोगों से अपील की थी कि 'पहले मतदान, फिर जलपान’ के संकल्प के साथ मतदाता अपने वोट के बहुमूल्य संवैधानिक अधिकार का निर्भय होकर इस्तेमाल करें एवं देश में गरीबों, मेहनतकशों, वंचितों की बहुजन-हितैषी सरकार चुनें.
मायावती ने सोशल मीडिया एक्स पर पोस्ट किया, 'बाबा साहेब डॉ भीमराव आम्बेडकर के अनुपम संविधान के तहत बिना किसी भेदभाव के मिला एक वोट का अधिकार ऐसी लोकतांत्रिक शक्ति है जिसके जरिए सत्ता की मास्टर चाबी प्राप्त करके गरीब, कमजोर व उपेक्षित लोग अपना उद्धार खुद करने में सक्षम बनकर अपना जीवन स्तर सुधार सकते हैं.
उन्होंने कहा कि वोट के अधिकार की रक्षा पूरे जी-जान से करनी है. सावधान रहें आपका कोई वोट खरीदा न जा सके. लूटा न जा सके. कोई वोट पड़ने से न रह जाए तथा धनबल, मंदिर-मस्जिद आदि के नाम पर आपके वोट का गलत इस्तेमाल न हो. वोट जरूर डालें.
पूर्व कर्मचारी ने इस बात पर प्रकाश डाला कि मैकिन्से में काम करने के उनके अनुभव का उनके मानसिक स्वास्थ्य पर इतना नकारात्मक प्रभाव पड़ा कि वह अक्सर रोते रहते थे और एंग्जाइटी की दवा भी लेते थे. इससे परेशान होकर उन्होंने काम से छुट्टी ले ली. उन्होंने कहा, 'मैकिन्से में लगभग एक साल काम करने के बाद, मैंने तीन महीने की मानसिक स्वास्थ्य छुट्टी ली.' इन सब के बाद भी कुछ ठीक नहीं हुआ और उन्होंने नौकरी छोड़ दी.
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