Budget 2024: 'घट रहा देश का घाटा, बेहतर जिंदगी जी रहे लोग', बजट के बाद बोलीं वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण

Written By रईश खान | Updated: Feb 01, 2024, 05:18 PM IST

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण

Budget 2024: निर्मला सीतारमण ने कहा कि 2024-25 में राजकोषीय घाटा चालू वित्त वर्ष के 5.8 प्रतिशत के मुकाबले सकल घरेलू उत्पाद (GDP) का 5.1 प्रतिशत रहने का अनुमान है.

डीएनए हिंदी: वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने गुरुवार को संसद में अंतरिम बजट पेश किया. उन्होंने 56 मिनट के बजट भाषण में सरकार का पूरा लेखा-जोखा जनता के सामने रख दिया. इसके बाद वित्त मंत्री ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर बजट से जुड़ी जानकारियां साझा कीं. उन्होंने बताया कि मोदी सरकार के इस अंतरिम बजट से गरीब, युवा, महिला और किसानों को कितना फायदा होगा. वित्त मंत्री ने इस बजट से मध्यम वर्ग के लोगों को फायदा पहुंचने का दावा किया है.

निर्मला सीतारमण ने कहा कि 2024-25 में राजकोषीय घाटा चालू वित्त वर्ष के 5.8 प्रतिशत के मुकाबले सकल घरेलू उत्पाद (GDP) का 5.1 प्रतिशत रहने का अनुमान है. उन्होंने कहा कि जिस तरह इकोनॉमी में सुधार हो रहा है उससे स्पष्ट ही कि हम 2021-22 में तय किए लक्ष्य की तरफ बढ़ रहे हैं. वित्त वर्ष 2025-26 तक हम  4.5 प्रतिश या उससे कम राजकोषीय घाटे को पूरा करने में कामयाब होंगे.

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वित्त मंत्री समझाया GDP का मतलब
वित्त मंत्री ने इस दौरान GDP का मतलब भी समझाया. उन्होंने कहा कि G का मतलब Governance, D का मतलब  Development और P का मतलब Performance है. उन्होंने कहा कि पिछले 10 साल में हमने बहुत कुछ हासिल किया है. शासन व्यवस्था के मामले में सही दिशा की ओर सरकार बढ़ रही है. सरकार ने अर्थव्यवस्था को बेहतर बनाने के लिए सही प्रबंधन किया है. लोग अब अपनी आकांक्षाओं के साथ बेहतर जीवन जी रहे हैं.

 उन्होंने कहा कि सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) के रूप में उच्च वृद्धि के अलावा सरकार अधिक समावेशी जीडीपी (शासन, विकास और कार्य प्रदर्शन) पर भी समान रूप से ध्यान दे रही है. सीतारमण ने कहा कि विकसित भारत के सपने को साकार करने के लिए राज्यों को 50 साल के लिए 75,000 करोड़ रुपये का ब्याज मुक्त ऋण दिया जाएगा. 

गरीबों के लिए  3 करोड़ घर बनाने का लक्ष्य
वित्त मंत्री ने अंतरिम बजट पर कहा, 'गरीबों के लिए हमने गांव और शहरों में 4 करोड़ से अधिक घर बनाए हैं. अब हमने 2 करोड़ और नए घर बनाने का लक्ष्य रखा है. हमने 2 करोड़ महिलाओं को लखपति दीदी बनाने का लक्ष्य रखा था, अब इस लक्ष्य को बढ़ाकर 3 करोड़ कर दिया गया है.'

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