कर्नाटक में हिजाब विवाद का मामला भारत ही नहीं बल्कि दूसरे देशों में भी पहुंच गया था. प्रदेश के चुनाव में कांग्रेस की सरकार बनी और विवादित फैसले को हटा दिया गया. इसके बाद भी बुर्का विवाद को लेकर बीजेपी और कांग्रेस के नेताओं के बीच जुबानी तल्खी कम होती नहीं दिख रही है. धानसभा में चल रही बहस में बीजेपी विधायक ने कहा कि विजयपुरा निर्वाचन क्षेत्र में फंड रोकने का मुद्दा उठाया. इसके जवाब में मंत्री ने कहा कि मैं आपके क्षेत्र में फंड क्यों जारी करूं? उन्होंने यह भी कहा कि आपको पैसे चाहिए, लेकिन आप इनका इस्तेमाल मुसलमानों के लिए करेंगे? बता दें कि बीजेपी विधायक ने कहा था कि उनके कार्यालय में बुर्का और टोपी पहनकर कोई नहीं आना चाहिए.
कर्नाटक विधानसभा में माहौल काफी गर्मा-गर्मी का हो गया था. बीजेपी विधायक ने कहा कि विजयपुरा निर्वाचन क्षेत्र में 1.20 लाख अल्पसंख्यक लोग रहते हैं. इसके बाद भी फंड जारी नहीं किया गया है. इसके जवाब में अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री ने बी.जेड. ज़मीर अहमद खान ने कहा कि आपको पैसे चाहिए, लेकिन मैं आपके क्षेत्र के लिए पैसे क्यों जारी करूं?
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BJP विधायक पर सदन में ही बरसे मंत्री
उन्होंने बीजेपी विधायक बसनगौड़ा पाटिल के बयान पर निशाना साधते हुए कहा कि आपने अल्पसंख्यक विरोधी टिप्पणी की है. आपने कहा कि आप अल्पसंख्यकों के लिए काम नहीं करेंगे. कांग्रेस सरकार में मंत्री ने कहा कि क्या आप अपने निर्वाचन क्षेत्र में मुसलमानों के लिए काम करेंगे? विधायक चुने जाने के बाद आपने कहा था कि बुर्का या टोपी पहनकर कोई भी व्यक्ति आपके कार्यालय में नहीं आना चाहिए.
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यह है पूरा मामला
अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री ने बी.जेड. ज़मीर अहमद खान ने बीजेपी विधायक बसनगौड़ा पाटिल के क्षेत्र का फंड रोक दिया है. मंत्री का कहना है कि विधायक ने कहा था कि बुर्का या टोपी पहनकर कोई भी व्यक्ति कार्यालय में न आए. इसी वजह से अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री ने ने विधायक निर्वाचन क्षेत्र के लिए फंड रोक दिया, क्योंकि वह अल्पसंख्यक विरोधी हैं. इस मुद्दे पर प्रदेश की राजनीति में जमकर घमासान हो रहा है.
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