डीएनए हिंदी: दिल्ली में बनाए जा रहे द्वारका एक्सप्रेसवे पर CAG की रिपोर्ट ने कई अहम सवाल उठाए हैं. CAG रिपोर्ट में कहा गया है कि इस सड़क की लागत कई गुना ज्यादा है. रिपोर्ट के मुताबिक, जो लागत प्रति किलोमीटर 18 करोड़ रुपये होनी थी, वह 250 करोड़ रुपये तक खर्च हुए हैं. सीएजी की ऑडिट रिपोर्ट में कहा गया है कि कैबिनेट ने इस सड़क के लिए प्रति किलोमीटर का बजट 18.20 करोड़ रुपये प्रस्तावित था लेकिन इसके लिए प्रति किलोमीटर 251 करोड़ रुपये का बजट पास किया गया. अब इस लागत में इतना ज्यादा अंतर आने पर सवाल खड़े हो रहे हैं.
भारतमाला परियोजना-1 के तहत बनाया जा रहा यह द्वारका-एक्सप्रेसवे दिल्ली और गुरुग्राम में आता है. दिल्ली को गुरुग्राम से जोड़ने वाली यह सड़क 29 किलोमीटर लंबी है. यह सड़क दिल्ली के महिपालपुर में शिवमूर्ति के पास से शुरू होता है और गुरुग्राम में खेरकी टोल प्लाजा तक जाता है. यह एक्सप्रेसवे 14 लेन का बनाया जा रहा है. अब इसकी लागत को लेकर हंगामा खड़ा हो गया है और विपक्षी नेताओं ने भी इस पर सवाल पूछने शुरू कर दिए हैं.
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क्या कहती है CAG रिपोर्ट?
CAG ने द्वारका एक्सप्रेसवे के इस प्रोजेक्ट की 2017 से 2021 तक की रिपोर्ट का ऑडिट किया है. द्वारका एक्सप्रेसवे के साथ-साथ दिल्ली-वडोदरा एक्सप्रेसवे पर भी सवाल खड़े हुए हैं. रिपोर्ट के मुताबिक, यह पूरा प्रोजेक्ट CCEA की ओर से अप्रूव्ड प्रोजेक्ट की लिस्ट में ही नहीं था और NHAI ने अपने स्तर पर 33 हजार करोड़ रुपये खर्च कर लिए. CAG की रिपोर्ट के मुताबिक, भारतमाला परियोजना-1 के तहत लगभग 76,999 किलोमीटर की सड़कें बनाई जा रही है. इसमें से 70,950 किलोमीटर सड़क NHAI बना रहा है.
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NHAI के कई फैसलों पर अब सवाल उठ रहे हैं. ऑडिट रिपोर्ट के मुताबिक, NHAI ने CCEA की ओर से तय की गई नियमावली का भी सही से पालन नहीं किया. 50 में से 35 प्रोजेक्ट ऐसे हैं जहां टेंडर से जुड़ी प्रक्रियाओं का पालन नहीं किया गया है.
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