Calcutta High Court ने पश्चिम बंगाल के बंगाल सफारी पार्क को अपने यहां उन शेर-शेरनी का नाम बदलने का आदेश दिया है, जिनका नाम अकबर और सीता रखा गया था. शेर का नाम अकबर और शेरनी का नाम सीता रखने के खिलाफ विश्व हिंदू परिषद (VHP) ने हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था. विहिप (VHP) ने आरोप लगाया था कि शेरनी का नाम सीता रखने से हिंदुओं की धार्मिक भावनाएं आहत हुईं हैं. हाई कोर्ट ने शेर का नाम अकबर रखे जाने को भी गलत बताया है. जज ने कहा कि यह उनके धर्म के अधिकार का भी उल्लंघन भी है. इसके बाद हाई कोर्ट ने आदेश दिया है कि इन नामों को तत्काल बदल दिया जाए.
क्या है पूरा मामला
दरअसल साल 2016 और 2018 में बंगाल सफारी पार्क में एक शेरनी का नाम सीता और शेर का नाम अकबर रखा गया था. आपको बता दें कि इन दोनों को हाल ही में सिलीगुड़ी के बंगाल सफारी पार्क में स्थानांतरित किया गया था. इसके बाद इनका नाम चर्चा में आया था, जिसके खिलाफ विहिप ने कोर्ट में याचिका दाखिल की थी. इस याचिका पर सुनवाई के बाद HC के जज सौगत भट्टाचार्य ने पश्चिम बंगाल सरकार से अनुरोध किया है कि वह दोनों शेरों को कुछ और नाम देने पर विचार करें ताकि यह विवाद शांत हो सके.
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अदालत ने कहा कि देश में बड़ी संख्या में लोग माता सीता की पूजा करते हैं और अकबर एक कुशल और सफल मुगल सम्राट था. ऐसे में जानवरों को ये नाम देना उचित नहीं है.
जज ने कहा, 'क्या आप खुद अपने पालतू जानवर का नाम किसी हिंदू भगवान या मुस्लिम पैगंबर के नाम पर रखेंगे? मुझे लगता है, अगर हममें से कोई भी अधिकारी होता तो किसी भी जानवर का नाम अकबर और सीता नहीं रखता. क्या हममें से कोई रवीन्द्रनाथ टैगोर के नाम पर किसी जानवर का नाम रखने के बारे में सोच सकता है?'
साथ ही कोर्ट ने बंगाल सरकार को निर्देश देते हुए कहा, 'कृपया विवाद से बचें अपने अधिकारियों से इन जानवरों का नाम बदलने के लिए कहें और एक निर्विवाद नाम आरक्षित करें. अदालत ने यह भी कहा, कृपया किसी भी जानवर का नाम किसी हिंदू भगवान, मुस्लिम पैगंबर, ईसाई, महान पुरस्कार विजेताओं, स्वतंत्रता सेनानियों के नाम पर न रखें. जो पूजनीय और सम्मानित होते हैं, उनका नाम नहीं दिया जाना चाहिए.'
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