भारत ने छोड़ा तो पाकिस्तान का नाम हो जाएगा INDIA? जानिए क्या है इस नाम की कहानी

डीएनए हिंदी वेब डेस्क | Updated:Sep 06, 2023, 06:48 AM IST

INDIA vs Bharat Debate

INDIA vs BHARAT Debate: भारत बनाम इंडिया नाम की बहस के बीच पाकिस्तान में चर्चाए हैं कि क्या पाकिस्तान INDIA नाम पर अपना दावा कर सकता है.

डीएनए हिंदी: जी-20 सम्मेलन के दौरान आयोजित डिनर के लिए भेजे गए न्योते पर 'प्रेसिडेंट ऑफ भारत' लिखे जाने से एक नई बहस शुरू हो गई है. विपक्ष ने आशंका जताई है कि मौजूदा मोदी सरकार संविधान से भी INDIA शब्द हटा सकती है. विपक्ष का आरोप है कि यह सब सिर्फ इसलिए किया जा रहा है क्योंकि विपक्ष ने अपने गठबंधन का नाम INDIA रख दिया. इस बीच बीजेपी के भी तमाम नेताओं ने कहा है कि अगर नाम बदला जाता है तो दिक्कत क्या है? इन सब चर्चाओं के बीच पाकिस्तान से खबर आई है कि अगर भारत अपने पुराने नाम INDIA को छोड़ देता है तो पाकिस्तान इसे अपना सकता है. हालांकि, सरकारी तौर पर ऐसा कुछ नहीं कहा गया है लेकिन देशों के नामों को लेकर हुई बहस और चर्चाएं पूर्व में भी काफी रोचक रही हैं.

पाकिस्तान की स्थानीय मीडिया के हवाले से कहा गया है कि अगर भारत INDIA नाम को छोड़ देता है तो पाकिस्तान इस पर अपना दावा ठोंक सकता है. हालांकि, यह भी बता दें कि पाकिस्तान के संस्थापक रहे मोहम्मद अली जिन्ना ने देश के विभाजन के समय INDIA नाम पर आपत्ति जताई थी. दूसरी तरफ काफी समय से पाकिस्तान में राष्ट्रवादी गुट INDIA नाम पर दावा ठोंकते रहे हैं क्योंकि INDIA नाम सिंधु नदी के अंग्रेजी नाम INDUS से आया है और मौजूदा समय में यह नदी पाकिस्तान में ही बहती है.

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कैसे शुरू हुआ यह विवाद?
मंगलवार को उस न्योते की तस्वीरें सामने आईं जिसमें तमाम प्रतिनिधियों को जी-20 सम्मेलन के दौरान डिनर के लिए बुलाया गया है. भारत की राष्ट्रपति की ओर से भेजे गए इस कार्ड पर आमतौर पर 'प्रेसिंडेट ऑफ इंडिया' लिखा जाता है लेकिन इस बार 'प्रेसिडेंट ऑफ भारत' लिखा गया था. कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने ट्वीट करके मोदी सरकार पर आरोप लगाए और संविधान के अनुच्छेद 1 की याद दिलाई जिसमें देश के नाम का जिक्र किया गया है.

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जयराम रमेश के ट्वीट के बाद कई बीजेपी नेताओं ने इस फैसले का स्वागत किया कि हम नई दिशा में आगे बढ़ रहे हैं. फिर इसी पर बहस शुरू हो गई. विपक्ष का कहना है कि गठबंधन का नाम INDIA रखे जाने की वजह से ही ऐसा किया जा रहा है. वहीं, बीजेपी नेताओं का कहना है कि INDIA नाम गुलामी का प्रतीक है और यह तो अच्छी बात है कि हम इससे आगे बढ़ना चाह रहे हैं. हालांकि, अभी तक नाम हटाए जाने को लेकर कोई औपचारिक प्रक्रिया नहीं हुई है.

क्या है नाम का इतिहास?
साल 1947 में जब दोनों देशों का बंटवारा होना था और बाकी प्रक्रियाएं चल रही थीं तो एक कार्यक्रम में मोहम्मद अली जिना को पाकिस्तान के गर्वनर जनरल और लॉर्ड माउंटबेटन को भारत के गवर्नर जनरल की हैसियत से बुलाया गया था. इस दौरान कहीं 'INDIA' लिखा देख जिन्ना भड़क गए और उन्होंने माउंटबेटन को चिट्ठी लिखी. इसमें जिन्ना ने लिखा, 'यह अफसोस की बात है कि हिंदुस्तान ने INDIA शब्द अपना लिया है जो निश्चित रूप से भ्रामक है.'

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विभाजन से पहले 'यूनियन ऑफ इंडिया' नाम पर मुस्लिम लीग ने भी आपत्ति जताई थी. संविधान सभा में भी इंडिया नाम को लेकर खूब बहसे हुईं. हालांकि, किसी एक नाम पर सहमति न बनने पर ही तय हुआ कि इंडिया और भारत दोनों नामों का इस्तेमाल किया जाएगा. यही वजह है कि संविधान में 'INDIA that is BHARAT' लिखा गया.

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