दिल्ली आबकारी नीति में आया नया मोड़, घूस लेने के आरोपी में CBI ने ED अधिकारी को हिरासत में लिया

डीएनए हिंदी वेब डेस्क | Updated:Aug 29, 2023, 06:43 AM IST

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Delhi Excise Policy CBI: सीबीआई ने ईडी के एक अधिकारी को दिल्ली आबकारी नीति केस में रिश्वत लेने के आरोप में हिरासत में ले लिया है.

डीएनए हिंदी: दिल्ली आबकारी नीति मामले में एक नया ही मोड़ आ गया है. अब केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने सोमवार को प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के एक अधिकारी को हिरासत में लिया है. सीबीआई का आरोप है कि इस घोटाले में शामिल एक आरोपी से ईडी के इस अधिकारी ने 5 करोड़ रुपये की रिश्वत ली. ये आरोप हैरान करने वाले हैं क्योंकि इस केस में सीबीआई के साथ-साथ ईडी भी जांच कर रही है. हाल ही में सीबीआई ने ईडी के अधिकारी पवन खत्री के खिलाफ रिश्वतखोरी के आरोपों में केस दर्ज किया था. रिपोर्ट के मुताबिक, सीबीआई ने लिखित शिकायतों के बाद यह कार्रवाई की है.
 
पवन खत्री पर व्यवसायी अमनदीप सिंह ढल से 5 करोड़ रुपये की रिश्‍वत लेने का आरोप है. ईडी में सहायक निदेश के पद पर तैनात पवन खत्री के अलावा एक और अधिकारी के खिलाफ भी केस दर्ज किया है. सूत्रों ने मुताबिक, आरोपियों ने इस मामले में मदद करने के बहाने शराब कारोबारी से करीब 30 करोड़ रुपये वसूलने की योजना बनाई थी. सीबीआई के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि उन्हें ईडी की विशेष निदेशक (एचआईयू-द्वितीय) सोनिया नारंग की ओर से सहायक निदेशक पवन खत्री, यूडीसी नितेश कोहर (सभी ईडी), एयर इंडिया के सहायक महाप्रबंधक दीपक सांगवान, अमनदीप सिंह ढल, ढल के पिता बीरेंद्र पाल सिंह और अन्य के खिलाफ एक लिखित शिकायत मिली है.

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CA के जरिए वसूले गए पैसे
एफआईआर में आरोप लगाया गया है कि विभिन्न व्यक्तियों के दर्ज किए गए बयानों से प्रथम दृष्टया पता चला कि ढल, जिन्हें उत्पाद शुल्क नीति मामले में ईडी और सीबीआई दोनों ने गिरफ्तार किया है और उनके पिता ने 5 करोड़ रुपये (शुरुआत में 3 करोड़ रुपये) दिए थे. शराब मामले में ईडी द्वारा चल रही जांच से निपटने में सहायता की व्यवस्था करने के लिए सीए प्रवीण कुमार वत्स को दिसंबर 2022-जनवरी 2023 के महीने में 3 करोड़ और फिर 2 करोड़ रुपये दिए गए.

प्रवीण वत्स ने अपने बयान में कहा कि दीपक सांगवान ने उन्हें आश्‍वासन दिया कि वह पैसे के बदले में ईडी के शराब घोटाला मामले में उनकी गिरफ्तारी को रोककर मदद कर सकता है. एफआईआर के अनुसार, दीपक सांगवान के आश्वासन के आधार पर, प्रवीण वत्स को दिसंबर 2022 और जनवरी 2023 के बीच 50 लाख रुपये की छह किस्तों में ढल से 3 करोड़ रुपये मिले.

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एफआईआर में आगे उल्लेख किया गया है कि सांगवान ने कहा था कि 2 करोड़ रुपये की अतिरिक्त राशि देने पर अमनदीप ढल को मामले में आरोपियों की सूची से हटाया जा सकता है. प्रवीण वत्स ने यह बात ढल को बताई तो वह पैसे देने को राजी हो गए. इसके बाद प्रवीण वत्स को 50-50 लाख रुपये की चार किस्तों में 2 करोड़ रुपये और मिले.

पैसे देने के बाद हो गई गिरफ्तारी
अमनदीप ढल से ये पैसे प्रवीण वत्स अपने घर पर लेते थे और नकदी हमेशा ढल के एक प्रतिनिधि के माध्यम से भेजी जाती थी, जिसका नाम प्रवीण वत्स को नहीं पता है. एफआईआर में लिखा है, 'प्रवीण वत्स ने कहा कि बीरेंद्र पाल सिंह और ढल से मिले पैसों में से दिसंबर 2022 में वसंत विहार में आईटीसी होटल के ठीक पीछे स्थित एक पार्किंग में सांगवान और खत्री को 50 लाख रुपये नकद दिए. इसके बाद ईडी ने अमनदीप ढल को गिरफ्तार कर लिया.'

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प्रवीण वत्स ने आगे कहा कि उन्होंने इस बारे में सांगवान से संपर्क किया और वे मार्च 2023 में वसंत विहार में मिले. सांगवान ने प्रवीण वत्स को बताया कि अमनदीप ढल की गिरफ्तारी के आदेश उच्च अधिकारियों से आए थे. सांगवान ने अपने बयान में बताया कि उन्हें जून 2023 में पता चला कि प्रवीण वत्स ने बीरेंद्र पाल सिंह से बड़ी रकम वसूली थी. वत्स ने अपने बयान में कहा कि सांगवान ने उन्हें जनपथ पर एक बैठक के लिए बुलाया, जहां राशि (वत्स द्वारा ढल से ली गई) वापस करने के बारे में चर्चा हुई. इसके अलावा विभिन्न स्थानों पर बैठकें भी हुईं. इनमें से कुछ बैठकों के दौरान खत्री और कोहर भी मौजूद थे. एफआईआर में कहा गया है कि वत्स ने अपने बयान में स्वीकार किया कि 2023 में वह 1 करोड़ रुपये लाया और बीरेंद्र पाल सिंह को दिया. इस मुलाकात के दौरान खत्री भी मौजूद थे.

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