केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) ने जम्मू-कश्मीर के पूर्व राज्यपाल सत्यपाल मलिक के घर छापेमारी की है. यह छापेमारी जम्मू-कश्मीर के किरू हाइड्रोइलेक्ट्रिक प्रोजेक्ट के ठेके से संबंधित मामले में की जा रही है. सत्यपाल मलिक पहले भी जांच एजेंसियों के निशाने पर आ चुके हैं. किसानों के मुद्दे पर वह सरकार की आलोचना भी करते रहे हैं. सीबीआई ने इसी केस में पिछले महीने भी दिल्ली और जम्मू-कश्मीर में कुल 8 जगहों पर छापेमारी की थी.
जानकारी के मुताबिक, जम्मू-कश्मीर के किरू हाइड्रोइलेक्ट्रिक प्रोजेक्ट के आवंटन मामले में कथित भ्रष्टाचार के आरोपों में सीबीआई की जांच जारी है. इसी मामले में सीबीआई ने आज 30 से ज्यादा जगहों पर छापेमारी की है. इसमें जम्मू-कश्मीर के तत्कालीन राज्यपाल रहे सत्यपाल मलिक का घर भी शामिल है.
यह भी पढ़ें- Y S Sharmila को हाउस अरेस्ट का डर, ऑफिस में ही बिता दी रात, समझें पूरी बात
अपने घर पर हुई छापेमारी के बाद सत्यपाल मलिक ने ट्वीट किया है, "पिछले 3-4 दिनों से मैं बीमार हूं और अस्पताल में भर्ती हूं. जिसके वावजूद मेरे मकान मैं तानाशाह द्वारा सरकारी एजेंसियों से छापे डलवाए जा रहे हैं. मेरे ड्राइवर, मेरे सहायक के ऊपर भी छापे मारकर उनको बेवजह परेशान किया जा रहा है. मैं किसान का बेटा हूं, इन छापों से घबराऊंगा नहीं. मैं किसानों के साथ हूं."
CBI ने पहले भी की थी पूछताछ
इससे पहले मई 2023 में भी सीबीआई की टीम सत्यपाल मलिक के घर पहुंची थी. तब बीमा घोटाले के मामले में उनसे पूछताछ की गई थी. इस मामले में खुद सत्यपाल मलिक ने ही पहले बयान दिया था कि बीमा के मामलों से जुड़ी फाइल पर दस्तखत करने के बदले उन्हें रिश्वत की पेशकश की गई थी.
क्या है पूरा मामला?
जम्मू-कश्मीर में बहने वाली चिनाब नदी पर बनाए जाने वाले किरू हाइड्रो पावर प्रोजेक्ट का ठेका 2019 में दिया गया. 2200 करोड़ रुपये के इस ठेके के आंवटन में धांधली की आशंका जताई गई है. आरोप है कि इस प्रोजेक्ट के सिविल वर्क का ठेका देने में भ्रष्टाचार किया गया है. जब ठेका दिया गया था तब सत्यपाल मलिक ही जम्मू-कश्मीर के राज्यपाल थे. इस मामले में सीबीआई ने कई अधिकारियों के खिलाफ केस भी दर्ज किया है.
यह भी पढ़ें- गधे और खच्चर पालने पर मोदी सरकार देगी पैसे, समझिए क्या है प्लान
कौन हैं सत्यपाल मलिक?
सत्यपाल मलिक जम्मू-कश्मीर के अलावा बिहार, गोवा और मेघालय के राज्यपाल की भूमिका भी निभा चुके हैं. पिछले कुछ सालों से वह मोदी सरकार के प्रखर आलोचकों में शामिल रहे हैं. सत्यपाल मलिक मूलरूप से समाजवादी नेता रहे हैं. वह जनता दल और समाजवादी पार्टी के टिकट पर चुनाव भी लड़ चुके हैं. वह खुद को राम मनोहर लोहिया का अनुयायी बताते हैं. वह लोकदल, कांग्रेस, जन मोर्चा पार्टी और भारतीय जनता पार्टी में भी रहे हैं.
देश-दुनिया की ताज़ा खबरों Latest News पर अलग नज़रिया, अब हिंदी में Hindi News पढ़ने के लिए फ़ॉलो करें डीएनए हिंदी को गूगल, फ़ेसबुक, ट्विटर और इंस्टाग्राम पर.