डीएनए हिंदी: केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) ने पश्चिम बंगाल में नागरिक निकायों की भर्तियों में कथित अनियमितताओं से जुड़ी जांच के सिलसिले में रविवार सुबह कोलकाता में छापेमारी की. सीबीआई ने राज्य सरकार में मंत्री फिरहाद हकीम और तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) के विधायक मदन मित्रा के आवास पर छापेमारी की. इससे पहले भी इन नेताओं के घर पर छापेमारी हो चुकी है. सीबीआई से पहले गुरुवार को प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने मंत्री रथिन घोष के आवास समेत कई ठिकानों पर छापेमारी की थी.
शहरी विकास और नगरपालिका मामलों के मंत्री हकीम कोलकाता के महापौर भी हैं. वह तृणमूल कांग्रेस के वरिष्ठ नेता हैं और पार्टी संगठन में अच्छा खासा प्रभाव रखते हैं. अधिकारियों के मुताबिक, सीबीआई अधिकारियों की एक टीम केंद्रीय बलों की एक बड़ी टुकड़ी के साथ दक्षिण कोलकाता के चेतला इलाके में हकीम के आवास पर पहुंची. एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया है कि सीबीआई के दो अधिकारी फिरहाद हकीम से पूछताछ कर रहे हैं.
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दो साल पहले भी गिरफ्तार हुए थे दोनों नेता
सीबीआई टीम ने जैसे ही छापेमारी शुरू की, हकीम के समर्थक उनके आवास के बाहर जमा हो गए और विरोध-प्रदर्शन शुरू कर दिया. सीबीआई के एक दल ने पूर्व मंत्री और उत्तर 24 परगना जिले के कमरहाटी से विधायक मदन मित्रा के भवानीपुर इलाके में स्थित आवास पर भी छापेमारी की. मदन मित्रा का घर चेतला में हकीम के आवास से करीब तीन किलोमीटर दूर है. हकीम और मित्रा दोनों को नारदा स्टिंग ऑपरेशन मामले में सीबीआई ने 2021 में गिरफ्तार किया था.
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मदन मित्रा को शारदा चिट फंड घोटला मामले में सीबीआई 2014 में भी गिरफ्तार कर चुकी है. इससे पहले, गुरुवार को प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने मामले की जांच के सिलसिले में खाद्य एवं आपूर्ति मंत्री रथिन घोष के आवास सहित कई स्थानों की तलाशी ली थी. केंद्रीय जांच एजेंसियों का आरोप है कि 2014 से 2018 के बीच राज्य के विभिन्न नागरिक निकायों ने पैसों के बदले में लगभग 1,500 लोगों को अवैध रूप से नियुक्त किया था.
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