भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) नेता और केंद्रीय मंत्री शोभा करंदलाजे ने कर्नाटक की कानून व्यवस्था पर सवाल उठाते हुए कुछ ऐसा बोल दिया जिसके चलते उन्हें अब माफी मांगनी पड़ी है. उन्होंने कहा कि तमिलनाडु से आकर एक आदमी बम लगा देता है, दिल्ली से आकर एक आदमी 'पाकिस्तान जिंदाबाद' कहता है और केरल से आने वाला एसिड अटैक करता है. अब शोभा करंदलाजे ने एक ट्वीट करके अपने बयान पर सफाई दी है और माफी मांगी है. उन्होंने कहा है कि उनका निशाना रामेश्वरम कैफे ब्लास्ट के आरोपी की ओर था, इससे वह तमिलनाडु के लोगों की भावनाएं नहीं आहत करना चाहती थीं.
शोभा करंदलाजे के बयान के बाद तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एम के. स्टालिन ने उनकी आलोचना की. दरअसल, बेंगलुरु में रविवार को अजान के दौरान हनुमान चालीसा बजाने पर एक व्यापारी को पीटने की घटना के खिलाफ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) द्वारा किए गए प्रदर्शन के दौरान शोभा ने कांग्रेस सरकार पर 'वोट बैंक की राजनीति' में शामिल होने और हिंदुओं की भावनाओं को आहत करने का आरोप लगाया.
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स्टालिन ने किया पलटवार
बेंगलुरु नॉर्थ लोकसभा सीट से बीजेपी की उम्मीदवार ने कहा, ''कर्नाटक में कानून-व्यवस्था बेहद खराब हो गई है. तमिलनाडु से आए लोग यहां बम लगाते हैं, दिल्ली से आए लोग 'पाकिस्तान जिंदाबाद' के नारे लगाते हैं और केरल से आने वाले लोग तेजाब हमले करते हैं.'' उन्होंने आरोप लगाया कि कांग्रेस की 'वोट बैंक की राजनीति' की कीमत हिंदू चुका रहे हैं.
तमिलनाडु के मुख्यमंत्री स्टालिन ने केंद्रीय मंत्री की आलोचना करते हुए 'एक्स' पर लिखी, ''बीजेपी की केंद्रीय मंत्री शोभा के बेतुके बयान की कड़ी निंदा करता हूं. इस तरह के दावे करने के लिए या तो एनआईए का अधिकारी होना चाहिए या फिर रामेश्वरम कैफे विस्फोट से करीबी तौर पर जुड़ा होना चाहिए.'' उन्होंने कहा, ''स्पष्ट तौर पर उनके पास इस तरह के दावे करने का कोई अधिकार नहीं है. तमिल और कन्नड़ समुदाय के लोग समान रूप से बीजेपी की इस विभाजनकारी बयानबाजी को खारिज कर देंगे.''
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हंगामे के बाद मांगी माफी
चौतरफा आलोचनाओं के बाद शोभा करंदलाजे ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर एक पोस्ट करते हुए कहा, "मैं अपने तमिल भाइयों और बहनों को स्पष्ट करना चाहती हूं कि मेरे शब्द प्रकाश डालने के लिए थे परछाईं डालने के लिए नहीं. इसके बावजूद मैं देख रही हूं कि मेरे शब्दों से कुछ लोगों को तकलीफ हुई, उसके लिए मैं माफी मांगती हूं. मेरा बयान उन लोगों को केंद्रित था जो कृष्णागिरी के जंगलों में ट्रेनिंग लेते हैं और रामेश्वरम कैफे ब्लास्ट से जुड़े रहे हैं. अगर तमिलनाडु से जुड़े किसी भी शख्स को तकलीप हुई तो मैं तहेदिल से माफी मांगती हूं. साथ ही, मैं अपना बयान वापस लेती हूं."
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