ट्रेनी IAS अधिकारी पूजा खेडकर की मुश्क्किलें बढ़ती जा रही हैं. केंद्र सरकार के आदेश पर इस मामले को लेकर DOPT के अतिरिक्त सचिव मनोज द्विवेदी ने जांच शुरू कर दी है. सचिव मनोज द्विवेदी को ये जांच दो हफ्ते में पूरी कर रिपोर्ट केंद्र सरकार को सौपनी होंगी. पूजा खेडकर पद के कथित दुरुपयोग को लेकर विवादों में घिरी हुई हैं.
सूत्रों के हवाले से खबर है कि जांच में अगर पूजा दोषी पाई जाती हैं, तो उन्हें बर्खास्त भी किया जा सकता है. यही नहीं उनके खिलाफ तथ्यों को छुपाने और गलतबयानी का आरोप अगर सही पाया गया तो आपराधिक कार्रवाई भी हो सकती है.
इस मामले की जांच के लिए केंद्र सरकार की ओर से एक टीम का गठन किया गया है. ये जांच कमेटी तय करेगी कि पूजा खेडकर ने गलत तरीके से अपने कोटे (OBC कोटे) का इस्तेमाल किया या नहीं. जांच कमेटी को 2 हफ्ते के अंदर अपनी रिपोर्ट केंद्र सरकार को सौंपनी होगी.
पूजा खेडकर पर आरोप लगे हैं कि वे यूपीएससी की परिक्षा में ओबीसी और दृष्टिबाधित अभ्यर्थी के रूप में शामिल हुईं. उन्होंने मानसिक बीमारी झूठा प्रमाण पत्र भी दिखाया था. पूजा खेडकर से यूनियन पब्लिक सर्विस कमीशन (यूपीएससी) ने अप्रैल 2022 में मेडिकल जांच के लिए दिल्ली एम्स में पेश होने के लिए कहा था,ताकि उनकी विकलांगता प्रमाणित की जा सके.
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लेकिन ऐसा नहीं हुआ और पूजा खेडकर दिल्ली एम्स में उपस्थित नहीं हुईं. उनको मेडिकल जांच के लिए 6 बार एम्स बुलाया गया था. लेकिन वो नहीं पहुंची. बल्कि इसके बाद उन्होंने एक प्राइवेट जांच केंद्र की एमआरआई रिपोर्ट पेश की.लेकिन यूपीएससी ने उसे मानने से इनकार कर दिया.
पूजा के पास 900 ग्राम सोने और हीरे के आभूषण, 17 लाख की कीमत वाली सोने की एक घड़ी, चार कारें, दो प्राइवेट लिमिटेड कंपनियों में हिस्सेदारी में भी हिस्सेदारी भी है. इतना ही नहीं पूजा खेडकर के पिता के पास कुल संपत्ति 40 करोड़ रुपये से अधिक की संपत्ति है. इतनी संपत्ति होने के बाद भी पूजा का ओबीसी सर्टिफिकेट सवालों के घेरे में है.
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