नागरिक उड्डयन मंत्री के राममोहन नायडू ने सोमवार को घोषणा की कि सरकार एयरलाइन्स को निशाना बनाकर बम धमकियों की बढ़ती संख्या से निपटने के लिए कानून में संशोधन की योजना बना रही है. इसमें ऐसी धमकियों के लिए जिम्मेदार अपराधियों को 'नो फ्लाई' लिस्ट में डालना भी शामिल है. पिछले सप्ताह में ही भारतीय एयरलाइन्स की तरफ से संचालित लगभग 100 उड़ानों को बम की धमकियां मिली थीं, जिनमें से अधिकांश झूठी साबित हुईं.
विमानन सुरक्षा नियमों में संशोधन पर विचार कर रही सरकार
नायडू ने कहा कि सरकार विमानन सुरक्षा नियमों और नागरिक विमानन सुरक्षा के विरुद्ध गैरकानूनी कृत्यों के दमन अधिनियम, 1982 में संशोधन पर विचार कर रही है, ताकि उपायों को मजबूत किया जा सके. नागरिक विमानन सुरक्षा ब्यूरो (बीसीएएस) इस मामले पर गृह मंत्रालय के साथ मिलकर काम कर रहा है.
नायडू ने कहा कि अगर जरूरत पड़ती है तो हम मंत्रालय की ओर से कुछ विधायी कार्रवाई के बारे में सोचेंगे. हम इस निष्कर्ष पर पहुंचे हैं कि दो क्षेत्र हैं, जिन पर हम विचार कर सकते हैं. पहला, विमान सुरक्षा नियमों में संशोधन. इन नियमों में बदलाव करके हम जो विचार प्रचारित करना चाहते हैं, उनमें से एक यह है कि एक बार जब हम इसके पीछे के अपराधी को पकड़ लें, तो हम उन्हें उड़ान 'नो फ्लाइ' सूची में डालेंगे. दूसरा, नागरिक विमानन सुरक्षा के विरुद्ध गैरकानूनी कृत्यों का दमन अधिनियम.
बम की धमकियों ने भारतीय एयरलाइन्स को किया बुरी तरह प्रभावित
रविवार को ही इंडिगो, अकासा एयर और विस्तारा की 20 से ज्यादा उड़ानें बम की धमकियों से प्रभावित हुईं. इस पर बीसीएएस अधिकारियों और एयरलाइन्स के सीईओ के बीच बैठक हुई, क्योंकि धमकियों के कारण दहशत फैल रही है और व्यापक सुरक्षा जांच की ज़रूरत है.
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इसके अतिरिक्त, केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल (सीआईएसएफ) के महानिदेशक आरएस भट्टी और बीसीएएस के महानिदेशक जुल्फिकार हसन ने सोमवार को केंद्रीय गृह सचिव गोविंद मोहन से मुलाकात की और हाल ही में फर्जी कॉलों में हुई बढ़ोतरी पर चर्चा की. गृह मंत्रालय में आधे घंटे की बैठक के दौरान, दोनों महानिदेशकों ने गृह सचिव को हाल ही में फर्जी बम धमकियों के बारे में जानकारी दी, जिससे व्यापक दहशत फैल गई है और भारतीय विमानन अधिकारियों, खुफिया एजेंसियों और अन्य विभागों द्वारा व्यापक सुरक्षा जांच की गई है.
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