डीएनए हिंदी: भारत का चंद्रयान-3 मिशन पूरा हो चुका है. चांद की सतह पर उतारे गए लैंडर विक्रम और रोवर प्रज्ञान को स्लीप मोड में डालने की प्रक्रिया शुरू कर ली गई है. अब इसरो ने बताया कि लैंडर विक्रम ने अपने तय लक्ष्य से ज्यादा काम किया है. हाल ही में लैंडर विक्रम ने एक बार फिर से चांद की सतह से उड़ान भरी है और चांद पर फिर से लैंडिंग की है. इसरो ने इसका वीडियो भी दिखाया है और बताया है कि लैंडर विक्रम का यह प्रयास भविष्य में चांद से इंसानों के लौटने की तैयारियों में काफी मदद करेगा.
इसरो ने ट्वीट करके बताया है कि विक्रम लैंडर ने अपने मिशन के लक्ष्यों से ज्यादा काम किया है. अब इसने एक हॉप एक्सपेरिमेंट सफलतापूर्वक कर लिया है. कमांड के आधार पर लैंडर विक्रम ने अपना इंजन फिर से फायर किया और खुद को 40 सेंटीमीटर उठाया और 30 से 40 सेंटीमीटर दूर जाकर लैंड किया. यानी इसका टेकऑफ और लैंडिंग पूरी तरह से सफल रही हैं. इसरो ने इसका वीडियो भी जारी किया है.
यह भी पढ़ें- बयान पर कायम हैं स्टालिन, 'फिर कहता हूं खत्म होना चाहिए सनातन'
लैंडिंग के बाद फिर खुल गए सारे उपकरण
इसरो ने अपने ट्वीट में बताया है कि इस किक-स्टार्ट से हमें भविष्य में इंसानाों को वापस लाने का उदाहरण मिला है. इस दौरान सभी सिस्टम ने अच्छे से काम किया और सभी बिल्कुल ठीक हैं. इस टेकऑफ से पहले रैंप, ChaSTE और ILSA को फोल्ड कर लिया गया था. सफल लैंडिंग के बाद इन सबको फिर से तैनात कर दिया गया.
यह भी पढ़ें- दिल्ली मेट्रो में 200 रुपये में जितना मर्जी घूमे, DMRC की नई स्कीम का ऐसे उठाएं फायदा
बता दें कि चांद पर फिर से रात होने जा रही है और दो हफ्तों तक रोवर प्रज्ञान काम नहीं करेगा. इसरो ने बताया है कि अगर इसके बाद रोवर प्रज्ञान सुरक्षित रहता है तो उसे फिर से ऐक्टिव किया जा सकता है. हालांकि, इसरो का लक्ष्य इससे एक बार काम करवाने का ही था और यह अपना काम कर चुका है. अब अगर इन 15 दिनों के कठिन मौसम को ये पार कर जाते हैं तो भारत का चंद्रयान-3 मिशन आगे भी जारी रहेगा.
.
देश-दुनिया की ताज़ा खबरों Latest News पर अलग नज़रिया, अब हिंदी में Hindi News पढ़ने के लिए फ़ॉलो करें डीएनए हिंदी को गूगल, फ़ेसबुक, ट्विटर और इंस्टाग्राम पर.