डीएनए हिंदी: चंद्रयान-3 का मिशन अब तक पूरी तरह से सफल रहा है और अब तीसरे चरण में इसरो की कोशिश कुछ बोनस जानकारी जुटाने की है. इसरो ने विक्रम लैंडर और प्रज्ञान रोवर के साथ संपर्क पर नया अपडेट दिया है. मिशन के लैंडर मॉड्यूल ने 23 अगस्त को चांद के दक्षिणी ध्रुव पर लैंडिंग की थी और फिर चांद पर एक दिन पूरा होने के बाद सूर्यास्त हो गया था. विक्रम और प्रज्ञान इसके बाद स्लीप मोड में चले गए थे. अब मिशन के तीसरे चरण में उनसे फिर संपर्क करने की कोशिश की जा रही है लेकिन फिलहाल यह सफल नहीं हो सका है. हालांकि, इसरो का कहना है कि आगे भी संपर्क की कोशिश की जाएगी. चंद्रमा पर एक दिन 29.5 पृथ्वी दिनों तक रहता है और अब चांद पर 15 दिनों तक रात रहने के बाद फिर से सूर्योदय हो चुका है.
इसरो ने एक्स पर पोस्ट कर बताया कि विक्रम लैंडर और प्रज्ञान रोवर के साथ संचार स्थापित करने के प्रयास किए गए हैं. हमारी कोशिश है कि सिग्नल भेजें और उनसे संपर्क हो, ताकि उनकी जागने की स्थिति का पता लगाया जा सके. फिलहाल उनकी ओर से कोई सिग्नल नहीं मिले हैं. संपर्क स्थापित करने के प्रयास जारी रहेंगे. बताया जा रहा है कि अब शनिवार, 23 सितंबर को भी सिग्नल भेजा जाएगा. चंद्रयान-3 मिशन पूरी तरह से सफल रहा है लेकिन यह तीसरा चरण है और इसे बोनस के तौर पर देखा जा रहा है.
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23 अगस्त को चांद पर भारत ने रचा था इतिहास
23 अगस्त को चंद्रमा की सतह पर चंद्रयान-3 के विक्रम लैंडर की सॉफ्ट लैंडिंग के साथ भारत ने इतिहास रच दिया था. भारत चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर पहुंचने वाला पहला देश बना था और चांद की सतह पर पहुंचने वाला चौथा देश है. जी-20 सम्मेलन में भी आने वाले अतिथियों ने भारत के मिशन मून की काफी तारीफ की थी और अंतरिक्ष विज्ञान के क्षेत्र में इसे भारत की बहुत बड़ी उपलब्धि मानी जा रही है. चांद के बाद भारत के आदित्य एल-1 मिशन पर भी पूरे देश की नजर है.
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इसरो की ओर से दिया गया लेटेस्ट अपडेट
चंद्रयान-3 पर स्पेस एप्लीकेशन सेंटर के निदेशक नीलेश देसाई ने नया अपडेट दिया है. उन्होंने बताया कि अब लैंडर और रोवर को शनिवार को एक्टिव करने की कोशिश की जाएगी. पहले हमारी योजना थी कि 22 सितंबर शाम तक प्रज्ञान रोवर और विक्रम लैंडर को फिर से सक्रिय करें. हालांकि, कुछ कारणों से ये नहीं हो पाया है. अब देखना है कि स्लीप मोड में चले गए लैंडर और रोवर सिग्नल पर रिस्पॉन्स करते हैं या नहीं. फिलहाल चांद पर सूर्यास्त हो गया है तो आने वाले कुछ दिनों तक इसरो इसकी पूरी कोशिश करेगा.
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