डीएनए हिंदी: इसरो की ओर से लैंडर विक्रम और रोवर प्रज्ञान को जगाने की लगातार कोशिश हो रही है. हालांकि, शनिवार 23 सितंबर दोपहर 2 बजे तक इसरो का अपने रोवर और विक्रम से संपर्क नहीं हो पाया है. चांद पर सूर्योदय हो चुका है लेकिन अब तक प्रज्ञान और विक्रम नींद से नहीं जागे हैं. इसके बाद से लगातार सवाल उठ रहा है कि अगर ये दोनों नहीं जागे तो क्या होगा? क्या भारत का महत्वाकांक्षी मून मिशन फेल माना जाएगा? इन सभी सवालों का जवाब है कि इसरो अभी दोनों से संपर्क की अपनी कोशिश जारी रखने वाला है. हालांकि, अगर सिग्नल भेजने के बाद भी संपर्क की कोशिश सफल नहीं होती है तो भी मिशन पर असर नहीं पड़ेगा क्योंकि अब तक सभी डेटा और जुटाई हुई जानकारी पूरी तरह से सुरक्षित हैं.
चंद्रयान-3 के लैंडर विक्रम और रोवर प्रज्ञान के साथ संपर्क करने की कोशिशें हो रही हैं लेकिन उधर से कोई सिग्नल नहीं मिला है. कुछ दिन पहले चांद पर रात होने की वजह से दोनों को स्लीप मोड में डाल दिया गया था. दोनों के स्लीप मोड में जाने के साथ ही मिशन के 2 चरण सफलतापूर्वक पूरे हो चुके हैं. इसरो अब भी संपर्क की कोशिश कर रहा है और अगर संचार होता है तो यहां से मिशन का तीसरा चरण शुरू होगा जिसमें बोनस जानकारी जुटाई जाएगी. संपर्क नहीं भी होने पर मिशन पूरी तरह से सफल है.
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स्लीप मोड में डाला गया था लैंडर और रोवर को
इसरो के अंतरिक्ष अनुप्रयोग केंद्र के निदेशक नीलेश देसाई बताते हैं कि लैंडर और रोवर दोनों को चांद पर रात होने की वजह से स्लीप मोड पर डाला गया था. चांद पर रात में तापमान शून्य से 200 डिग्री सेल्सियस तक नीचे यानी माइनस चला जाता है. बिना सूर्य की किरणों के बैटरी और रीचार्ज उपकरणों का काम करना संभ नहीं था. 20-21 सितंबर से चंद्रमा पर सूर्योदय शुरू हुआ और इसरो वैज्ञानिकों को लैंडर और रोवर के जगने की उम्मीद है. माना जा रहा है कि सूर्य की किरणों से बैटरी और दूसरे उपकरण पूरी तरह से चार्ज हो जाएंगे जिसके बाद शायद उनसे संपर्क हो सके.
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आर्काइव में सेव हो चुका है पूरा डेटा, वैज्ञानिक कर रहे स्टडी
चंद्रयान-3 मिशन पूरी तरह से सफल है और अब तक इसका पूरा डेटा वैज्ञानिक आर्काइव में सेव कर चुके हैं जिस पर स्टडी जारी है. 23 अगस्त को विक्रम लैंडर ने चंद्रमा पर लैंडिंग की थी और यह मिशन चांद के एक और धरती के 14 दिन के बराबर था. इसके बाद अगर विक्रम और प्रज्ञान जगते हैं तो उनसे मिलने वाली जानकारी बोनस होगी वर्ना चंद्रयान-3 मिशन पूरा हो चुका है. लैंडर के चार पेलोड हैं और रोवर के दो पेलोड हैं जिनसे काफी डेटा मिल चुका है. पूरा डेटा आर्काइव हो चुका है जिस पर स्टडी जारी है.
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