Chandrayaan-3 update: जानिए मिशन से अभी कितना दूर हैं चंद्रयान, यहां पढ़िए पूरी डिटेल

Written By डीएनए हिंदी वेब डेस्क | Updated: Aug 01, 2023, 07:44 PM IST

chandrayaan 3 mission

Chandrayaan-3:चंद्रयान-3 को आंध्र प्रदेश के श्रीहरिकोटा से 14 जुलाई को सफलतापूर्वक लांच किया गया था. इसका मकसद चंद्रमा की सतह पर सुरक्षित लैंडिंग करना है.

डीएनए हिंदी: भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) ने चंद्रयान -  3 को 16 जुलाई को लांच किया था. जिसके बाद से ही चंद्रयान -  3 अपने मिशन की ओर योजना के अनुसार बढ़ता चला जा रहा. अगर सब कुछ ठीक रहा तो 5 अगस्त 2023 तक यह यान चंद्रमा के ऑर्बिट में पहुंच जाएगा. ऐसे में हम आपको बताएंगे कि अपने मिशन से अभी कितना दूर है? 

चंद्रयान - 3 ने अपने सभी ऑर्बिट के चक्कर पूरे कर लिए हैं. हाल में ही ISRO ने बताया था कि उन्होंने तय समय पर इंजन को पृथ्वी की ऑर्बिट से एजेक्ट करने के लिए ऑन किया, उसको पर्याप्त एक्सीलरेशन देकर चांद की तरफ जाने वाले रास्ते पर भेज दिया. यहां पर हम आपको बता दें कि इंजन को एक ऑर्बिट से दूसरी ऑर्बिट में भेजने के लिए स्पीड देने की इसी प्रक्रिया को साइंटिफिक भाषा में इंजेक्शन कहते हैं.

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अपने मिशन से कितना दूर है चंद्रयान - 3? 

इसरो की वेबसाइट पर मिली जानकारी के मुताबिक, चंद्रयान - 3 पृथ्वी की पांचों कक्षा को पूरा कर लिया. जिसके बाद वह अब चांद की सतह पर जाने के लिए निकल चुका है. चंद्रयान - 3 को चांद तक पहुंचने के लिए 3.8 लाख किलोमीटर का सफर तय करना है. चंद्रयान को चांद के पहले ऑर्बिट तक पहुंचने के लिए 11 हजार किलोमीटर का सफर तय करना है.

इसरो का अनुमान है कि 14 जुलाई को श्रीहरिकोटा से लांच किया गया चंद्रयान - 3, 5 अगस्त को चांद के ऑर्बिट पर पहुंच सकता है. इसके साथ कहा जा रहा है कि अगर योजना के मुताबिक, सबकुछ चलता रहा तो 23 अगस्त को वापस चांद की सतह पर सफलतापूर्वक लैंडिंग भी कर लेगा. वहां पर पहुंचकर चंद्रयान - 3 का मिशन चांद की सतह पर सुरक्षित लैंडिंग करना है. इसके बाद रोवर चंद्रमा पर घूमते हुए इसकी तस्वीरें भेजेगा.

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क्या वापस आ जाएगा चंद्रयान - 3? 

Chandrayaan-3 इस समय 38, 520 किलोमीटर प्रतिघंटा की रफ्तार से चांद की ओर जा रहा है. इसरो वैज्ञानिकों का कहना है कि अब हर दिन इसकी गति थोड़ी - थोड़ी धीमी की जाएगी क्योंकि जिस समय यह चांद के नजदीक पहुंचेगा, वहां पर पृथ्वी का गुरुत्वाकर्षण जीरो होगा. चांद का भी करीब 0 होगा. अगर स्पीड कम नहीं की गई तो चंद्रयान - 3 चंद्रमा के ऑर्बिट को नहीं पकड़ पाएगा. ऐसा हुआ तो वापस धरती की पांचवी ऑर्बिट के पेरीजी यानी 236 किलोमीटर में 230 घंटे में आ जाएगा.

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