डीएनए हिंदीः भूपेंद्र चौधरी (Chaudhary Bhupendra Singh) को उत्तर प्रदेश बीजेपी (BJP) का नया अध्यक्ष बनाया गया है. वह योगी सरकार में कैबिनेट मंत्री है. उनके पास पंचायती राज मंत्रालय का प्रभार है. यूपी के अध्यक्ष पक्ष की रेस में उनका नाम चल रहा था. बुधवार को ही उन्होंने दिल्ली में बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा से मुलाकात की थी. 2024 में होने वाले लोकसभा चुनाव से पहले इसे बीजेपी का बड़ा चुनावी दांव माना जा रहा है.
कौन हैं भूपेंद्र चौधरी?
भूपेंद्र चौधरी उत्तर प्रदेश के मुरादाबाद के रहने वाले हैं. पार्टी के साथ-साथ संगठन में भी इनकी अच्छी पकड़ है. वह योगी सरकार में कैबिनेट मंत्री भी हैं. पार्टी को एक ऐसा प्रदेश अध्यक्ष चाहिए था जो सरकार और संगठन दोनों को साथ लेकर चल सके. साल 2024 के आम चुनाव में भाजपा कहीं से भी रिस्क नहीं लेना चाहती है. ऐसे में वो जाट नेता को प्रदेश में पार्टी की कमान देकर उस हिस्से को काफी मजबूत करना चाहती है जहां उसकी इतनी पकड़ नहीं है.
ये भी पढ़ेंः 2024 में BJP का क्षेत्रीय-जातीय समीकरण पर फोकस! भूपेंद्र चौधरी को मिल सकती है UP की कमान
सूत्रों की मानें तो पश्चिम यूपी के जाट समाज से आने वाले भूपेंद्र चौधरी के जरिए बीजेपी 2024 के लोकसभा चुनाव में क्षेत्रीय और जातीय दोनों को अपने पाले में लाने के लिए दांव चल सकती है. क्योंकि किसान आंदोलन के कारण जाट और किसान दोनों ही बीजेपी से खफा नजर आ रहे हैं. बीजेपी के लिए जाट वोट बैंक को साधने के लिए भूपेंद्र चौधरी सबसे मजबूत चेहरा दिख रहे हैं. उनके आने से पश्चिम यूपी में जाटों के प्रभाव वाली डेढ़ दर्जन लोकसभा सीटों पर BJP को फायदा हो सकता है.
ये भी पढ़ेंः क्या जाएगी CM हेमंत सोरेन की कुर्सी? लाभ का पद मामले में EC ने राज्यपाल को भेजी रिपोर्ट
RLD-सपा की वोट बैंक में सेंध की रणनीति
गौरतलब है कि यूपी में बीजेपी अध्यक्ष को लेकर पिछले कई महीनों से मंथन चल रहा था. पार्टी को ऐसे चेहरे की तलाश है जो आगामी लोकसभा चुनाव में बीजेपी को फायदा पहुंचा सके. ऐसे में भूपेंद्र चौधरी को लाकर बीजेपी क्षेत्रीय और जातीय समीकरण को साधने की कोशिश कर सकती है. बता दें कि 2022 के चुनाव में बीजेपी को जिस इलाके में सबसे ज्यादा नुकसान उठाना पड़ा था, वो पश्चिमी यूपी के सहारनपुर, मुजफ्फरनगर, मुरादाबाद, बिजनौर, अमरोहा, बरेली और रामपुर के इलाके हैं. भूपेंद्र चौधरी इसी क्षेत्र से आते हैं. इसलिए उनको आगे करके पश्चिम यूपी में RLD-सपा के गठबंधन के वोट बैंक में सेंध लगाने की बीजेपी की रणनीति मानी जा रही है.
देश-दुनिया की ताज़ा खबरों Latest News पर अलग नज़रिया, अब हिंदी में Hindi News पढ़ने के लिए फ़ॉलो करें डीएनए हिंदी को गूगल, फ़ेसबुक, ट्विटर और इंस्टाग्राम पर.