Cheetah News: कूनो नेशनल पार्क का नया माहौल चीतों को आ रहा रास, विशेषज्ञ रख रहे हैं नजर

डीएनए हिंदी वेब डेस्क | Updated:Sep 20, 2022, 03:00 PM IST

कूनो नेशनल पार्क में 8 चीतों को छोड़ा गया

Cheetah News: भारत आने के बाद पहली बार चीतों को रविवार शाम को भोजन दिया गया था. चीतों को भैंस का मांस भोजन के रूप में दिया गया.

डीएनए हिंदी: नामीबिया से लाए गए आठ चीते मध्य प्रदेश कूनो नेशनल पार्क (KNP) के नए वातावरण में अनुकूल होने की कोशिश कर रहे हैं. कम से कम मानवीय हस्तक्षेप करते हुए विशेषज्ञ इनके पृथकवास के बाड़ों के पास एक मचान में छेद से उनकी निगरानी कर रहे हैं. संभागीय वन अधिकारी (DFO) प्रकाश कुमार वर्मा ने मंगलवार को बताया कि ये पांच मादा और तीन नर चीते 30 से 66 महीने के उम्र के हैं और अच्छे स्वास्थ्य में हैं. 

उन्होंने कहा कि फ्रेडी, एल्टन, सवाना, साशा, ओबान, आशा, सिबली और सैना नाम के आठ चीते छह बाड़ों में रह रहे हैं. ये एक महीने तक यहां रहेंगें. विंध्याचल पहाड़ियों के उत्तरी किनारे पर स्थित कूनो नेशनल पार्क 750 वर्ग किमी इलाके में फैला है. इसका नाम यहां की कूनो नदी पर रखा गया है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 8,000 किलोमीटर दूर इनके मूल स्थान नामीबिया से लाए गए इन चीतों को शनिवार को केएनपी के पृथकवास के बाड़ों में छोड़ा था.

पढ़ें- Kuno National Park: 'बलि का बकरा' जिसका तेंदुए भी नहीं कर पाए शिकार, अब...

भारत में 1952 में विलुप्त हो चुके इस जानवर को पुनः देश में बसाने के लिए प्रोजेक्ट चीता के तहत ये प्रयास किए जा रहे हैं. अधिकारियों ने कहा कि नए घर में चीतों के भव्य स्वागत कार्यक्रम और चीतों की अच्छी देखभाल सुनिश्चित करने के बाद अफ्रीकी विशेषज्ञों के दल के कुछ सदस्य वापस चले गए हैं. मुख्य वन संरक्षक (सीसीएफ) उत्तर कुमार शर्मा ने बताया कि चीतों को यहां लाने वाले पशु चिकित्सक डॉ. एना विंसेंट और नामीबिया के दो अन्य विशेषज्ञ फिलहाल केएनपी में रह रहे हैं जबकि टीम के अन्य सदस्य लौट गए हैं.

पढ़ें- Cheetah News: नामीबियाई चीतों को न खिलाया जाए हिरण, इस संगठन ने PM को लिखा पत्र

डीएफओ वर्मा ने कहा कि शिवपुरी के माधव नेशनल पार्क के पशु चिकित्सक डॉ. जितेंद्र जाटव और डॉ ओंकार आंचल नामीबिया के विशेषज्ञों के साथ चीतों की आवाजाही पर नजर रख रहे हैं. उन्होंने कहा, "विशेषज्ञ बाड़ों से 50 से 100 मीटर की दूरी पर स्थित एक मचान से चीतों की गतिविधियों की निगरानी कर रहे हैं ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि उन्हें आसपास के क्षेत्र में मानव के उपस्थिति महसूस न हो. मचान पर्दे से ढका हुआ है और एक छेद से चीतों की आवाजाही देखी जा रही है."

पढ़ें- 'चीतों के लिए चीतल' पर सियासत शुरू, BJP के कुलदीप बिश्नोई ने भी किया विरोध

उन्होंने कहा कि नामीबियाई दल चीतों के लिए स्वास्थ्य किट भी लाया है. उनका कहना था कि यहां पार्क प्रबंधन के पास पर्याप्त किट उपलब्ध हैं तथा चीतों की निगरानी और अच्छे स्वास्थ्य के लिए एक योजना तैयार की गई है. उन्होंने कहा कि प्रोटोकॉल के अनुसार चीतों को एक महाद्वीप से दूसरे महाद्वीप में स्थानांतरित करने के पहले और बाद में एक-एक महीने के लिए अलग रखा जाना चाहिए. उन्होंने कहा कि विशेषज्ञों की राय में उन्हें भैंस का मांस खिलाया जा रहा है और सभी चीते अपने नए घर में उत्साह में दिखाई दे रहे हैं. इससे पहले एक अधिकारी ने पहले बताया था कि भारत आने के बाद पहली बार चीतों को रविवार शाम को भोजन दिया गया था.

पढ़ें- केवल चीता ही नहीं ये जीव-जानवर भी हो चुके हैं भारत से विलुप्त

इनपुट- एजेंसी

देश-दुनिया की ताज़ा खबरों Latest News पर अलग नज़रिया, अब हिंदी में Hindi News पढ़ने के लिए फ़ॉलो करें डीएनए हिंदी को गूगलफ़ेसबुकट्विटर और इंस्टाग्राम पर. 

kuno national park Cheetah cheetah in india