Chhatrapati Shivaji Wagh Nakh: 350 साल बाद छत्रपति शिवाजी का बाघ नख लौटेगा भारत, इससे ही चीड़ा था अफजल खान का पेट 

डीएनए हिंदी वेब डेस्क | Updated:Oct 01, 2023, 06:38 PM IST

Shivaji Tiger Claw

Chhatrapati Shivaji Tiger Claw: महाराष्ट्र ही नहीं पूरे देश में छत्रपति वीर शिवाजी को बहुत सम्मान की नजर से देखा जाता है. भारतीयों के लिए खुशी का मौका है कि अब शिवाजी महाराज का 350 साल पुराना बाघ नख वापस आने वाला है.

डीएनए हिंदी: महान सेनानी वीर शिवाजी का बाघ नख अब जल्द ही भारत वापस आ सकते है. बीजापुर सल्तनत के सेनापति अफजल खान ने सन 1659 के युद्ध में जब शिवाजी महाराज को धोखे से मारने की कोशिश की थी तो शिवाजी महाराज ने बाघ नख के एक हमले से अफजल को मार दिया था. यह बाघ नख अभी इंग्लैंड की विक्टोरिया एंड अल्बर्ट म्यूजियम में रखा है और इसे 350 साल के बाद अब भारत वापस लाया जाएगा. भारतीयों के लिए इस अमूल्य धरोहर का वापस लौटना गर्व की बात है. यह साल छत्रपति शिवाजी के राज्याभिषेक की 350वीं वर्षगांठ हैं. इस खास मौके को यादगार बनाने के लिए इस बाघ नख को अगले महीने इंग्लैंड से महाराष्ट्र लाया जाएगा. अब वीर शिवाजी की इस थाती को आम लोग भी देख सकेंगे.  

छत्रपति शिवाजी महाराज का प्रसिद्ध बाघ नख, ‘बाघ का पंजा’ हथियार काफी प्रसिद्ध रहा है और वह इस औजार से दुश्मनों को नेस्तनाबूद कर देते थे. बताया जा रहा है कि नवंबर में यह हथियार ब्रिटेन से वापस आ जाएगा. शिवाजी के राज्याभिषेक के 350 साल पूरे होने के उपलक्ष्य में महाराष्ट्र सरकार तीन साल की प्रदर्शनी आयोजित कर रही है. इस अवसर को यादगार बनाने के लिए बाघ के पंजे के हथियार को लंदन के विक्टोरिया और अल्बर्ट संग्रहालय से वापस लाया जाएगा.

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शिवाजी संग्रहालय में रखा जाएगा 350 साल पुराना बाघ नख 
महाराष्ट्र के संस्कृति मंत्री सुधीर मुनगंटीवार मंगलवार को लंदन पहुंच रहे हैं. वह वहां बाघ नख की लिए संग्रहालय और ब्रिटेन सरकार के साथ समझौते पर हस्ताक्षर करेंगे. इसके बाद औपचारिक तौर पर इसे भारत भेजने की तैयारी की जाएगी. इस महीने की शुरुआत में महाराष्ट्र सरकार की ओर से कहा गया था, 'पहले चरण में हम बाघ नख ला रहे हैं और इसकी प्रक्रिया अक्टूबर में शुरू करेंगे. दक्षिणी मुंबई के शिवाजी संग्रहालय में इसे रखा जा सकता है. हालांकि, अंतिम फैसला अभी नहीं किया गया है.'

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बाघ नख की प्रमाणिकता पर उठ रहे हैं सवाल 
बाघ नख की प्रमाणिकता सवालों के घेरे में है. इतिहास विशेषज्ञ इंद्रजीत सावंत का कहना है कि विक्टोरिया और अल्बर्ट संग्रहालय की वेबसाइट के अनुसार छत्रपति शिवाजी ने बाघ नख इस्तेमाल नहीं किया था. हालांकि, शिवाजी के बारे में यह कई लिखित ग्रंथों में प्रमाणित है कि वह बाघ नख का इस्तेमाल करने में कुशल थे. जिस बाघ नख को वापस लाया जा रा है उसे लेकर जरूर सवाल हैं कि यह वाकई शिवाजी महाराज का इस्तेमाल किया हथियार है या नहीं. 

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