Chhattisgarh: Ambikapur Hospital का चाइल्ड वार्ड बना मासूमों की कब्रगाह, जिम्मेदार कौन?

Written By डीएनए हिंदी वेब डेस्क | Updated: Dec 07, 2022, 07:27 AM IST

अस्पताल के चाइल्ड वार्ड के बाहर बैठे बच्चों के परिजन.

Chhattisgarh News: छत्तीसगढ़ के सरगुजा जिले के एक सरकारी अस्पताल में 4 शिशुओं की मौत हो गई है. सरकार ने जांच के आदेश दिए हैं.

डीएनए हिंदी: छत्तीसगढ़ (Chhattisgarh) में सरकारी अस्पतालों की हालत बद से बदतर होती जा रही है. अंबिकापुर के राजमाता कुमारी सिंहदेव मेडिकल कॉलेज के स्पेशल नियोनेटल केयर यूनिट (SNCU) चार नवजात शिशुओं की मौत हो गई है. बच्चों की मौत के लिए विभागीय लापरवाही को जिम्मेदार ठहराया जा रहा है. दरअसल,  रविवार रात अस्पताल में अचानक बिजली गुल हो गई. सोमवार सुबह जब लोग अस्पताल पहुंचे तो पता चला कि 4 बच्चों ने जान गंवा दी है.

बच्चों की मौत की खबर जब उनके परिजन को हुई तो उन्होंने हंगामा कर दिया. उनका आरोप है कि अस्पताल प्रशासन की लापरवाही की वजह से उनकी मौतें हुईं हैं. पीड़ित परिवारों का आरोप है कि कई घंटों तक बिजली नहीं आई और प्रशासन ने जनरेटर नहीं चलने दिया. इसकी वजह से बच्चों को दिए जा रहे ऑक्सीजन की सप्लाई बंद हो गई और इस वजह से उनकी मौत हो गई.

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क्या है अस्पताल प्रशासन की सफाई?

अस्पताल प्रशासन बच्चों की मौत की जिम्मेदारी लेने से इनकार कर रहा है. प्रशासन न तो अपनी गलती मानने को तैयार है और न ही जिम्मेदारी लेने को. अस्पताल प्रशासन ने सफाई दी है कि जिन बच्चों की मौत हुई है वे पहले से ही बेहद बीमार थे.

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क्या है स्वास्थ्य मंत्री की सफाई?

राज्य के स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव ने मामले की जांच के आदेश दिए हैं. जांच के बाद ही मौत की असली  वजह सामने आ सकेगी. अस्पताल जल्द ही चारों बच्चों की मेडिकल रिपोर्ट जारी करेगा. स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि जब उन्होंने अस्पताल के ड्यूटी रोस्टर की कॉपी मांगी तो अस्पताल ने दिया ही नहीं.

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इसी तरह की घटना अक्टूबर 2021 में अंबिकापुर मेडिकल कॉलेज अस्पताल में हुई थी, जिसके बाद तीन दिनों के अंदर 7 नवजात शिशुओं की मौत हो गई थी. इसके बाद अस्पताल स्टाफ पर लापरवाही का आरोप लगा था. प्रशासन ने तब भी अपनी लापवाही मानने से इनकार कर रहा है.

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