डीएनए हिंदी: छ्त्तीसगढ़ के बीजापुर में नक्सलियों ने बड़ा हमला किया है जिसमें सीआरपीएफ के 14 जवान घायल हैं और तीन जवानों के शहीद होने की खबर है. पुलिस महानिदेशक (बस्तर रेंज) सुंदरराज पी. ने बताया कि यह घटना बीजापुर और सुकमा जिले की सीमा पर स्थित टेकलगुडेम गांव के समीप उस वक्त हुई, जब सुरक्षाकर्मियों का एक संयुक्त दल तलाश अभियान चला रहा था. बताया जा रहा है कि अभी भी कोबरा बटालियन और DRG के जवानों के साथ नक्सलियों की मुठभेड़ अब भी जारी है.
पीटीआई के अनुसार, टेकलगुड़ेम में मंगलवार को पुलिस ने नया कैंप स्थापित किया है. इस कैम्प की सुरक्षा में लगे जवान कैंप की स्थापना के बाद जूनागुड़ा-अलीगुड़ा इलाके में गश्त पर निकले हुए थे, इसी दौरान पहले से ही घात लगाए नक्सलियों ने जवानों पर फायरिंग की और 100 से ज्यादा बीजीएल भी दागे, जवानों ने भी तुरंत मोर्चा संभालते हुए जवाबी कार्यवाही की. इस दौरान नक्सलियों ने 100 से अधिक बीजीएल (बैरल ग्रेनेड लॉन्चर) जवानों पर दागे, जिससे कई जवान घायल हुए और 3 जवानों को गोली लगने से शहीद हो गए.
इस इलाके में पहले भी हुआ है नक्सली हमला
इस इलाके में साल 2021 में जवानों को एंबुश में फंसा कर उन पर फायरिंग की थी, जिसमें 23 जवानों की शहादत हो गई थी. उसके बाद से इस इलाके में नक्सलियों की पैठ कमजोर करने के लिए लगातार पुलिस यहां कैंप स्थापित करने की रणनीति बना रही थी और मंगलवार को सीआरपीएफ और डीआरजी जवानों के मौजूदगी में बकायदा यहां कैंप स्थापित किया गया. इसी कैंप की सुरक्षा के लिए आसपास के इलाके में एरिया डोमिनेशन के लिए सीआरपीएफ कोबरा और डीआरजी के संयुक्त जवानों की टीम को भेजा गया था. जिसपर नक्सलियों ने गोलीबारी शुरू कर दी.
पुलिस महानिरीक्षक ने कही यह बात
पुलिस महानिरीक्षक बस्तर रेंज सुन्दरराज पी. द्वारा बताया गया कि क्षेत्र की जनता को नक्सल समस्या से मुक्ति दिलाने हेतु बस्तर पुलिस एवं तैनात सुरक्षा बल संकल्पित है. वर्ष 2021 में टेकलगुड़ेम मुठभेड़ में हमें भारी क्षति पहुंचने के बावजूद जनहीत में विचार करते हुये आज पुनः हम मजबूती से टेकलगुड़ेम गांव में कैम्प स्थापित कर क्षेत्र की शांति, सुरक्षा एवं विकास हेतु समर्पित होकर कार्य करेंगे. आईजी का कहना है कि इस मुठभेड़ में कई नक्सलियों को भी गोली लगी है, इंटेलिजेंस रिपोर्ट के मुताबिक नक्सली एक बार फिर साल 2021 की तरह ही जवानों को बड़ा नुकसान पहुंचाने के लिए टेकलगुड़ेम कैंप में हमला करने की तैयारी में थे.
कब-कब हुए बड़े नक्सली हमले
छत्तीसगढ़ के दंतेवाड़ा में सबसे बड़ा नक्सली हमला 6 अप्रैल 2010 को हुआ था जिसमें 76 जवान शहीद हो गए थे. 25 मई 2013 जीरम घाटी हमला हुआ था, उस हमले में नक्सलियों ने एक परिवर्तन यात्रा पर हमला कर दिया था. जिसमें कांग्रेस के शीर्ष नेताओं सहित 30 से ज्यादा लोग मारे गए थे.11 मार्च 2014 को जीरम घाटी पर हमला हुआ था, जिसमें 14 जवान शहीद हो गए थे. 12 अप्रैल 2014 को छत्तीसगढ़ के बस्तर में नक्सली हमला हुआ था, जिसमें 5 जवानों समेत 14 लोगों की मौत हो गई थी. अगस्त 2014 में छत्तीसगढ़ के दंतेवाड़ा में नक्सलियों की गोलीबारी में सीआरपीएफ के तीन जवान घायल हो गए थे. अप्रैल 2015 में छत्तीसगढ़ के दंतेवाड़ा में हुए नक्सली हमले में नक्सलियों के बिछाए बारुदी सुरंग के फटने से सुरक्षा बल के 4 जवान शहीद हो गए जबकि 8 घायल हो गए थे. मार्च 2017 में बस्तर में हुए नक्सली हमले में CRPF की 219वीं बटालियन के जवान शहीद हो गए थे. मार्च 2017 में ही छत्तीसगढ़ के दंतेवाड़ा में लैंडमाइन ब्लास्ट में CRPF के 7 जवान मारे गए. पिछले महीने 11 मार्च को नक्सलियों ने सीआरपीएफ की 219वीं बटालियन को निशाना बनाया था जिसमें 12 जवान शहीद हो गए थे. अप्रैल 2017 को हुए नक्सली हमले में 25 सीआरपीएफ के जवान शहीद हो गए थे. मार्च 2020 में सुकमा में हुए नक्सली हमले में डीआरजी-एसटीएफ के 17 जवान शहीद हुए थे और करीब 14 जवान घायल हुए थे. अप्रैल 2021 में छत्तीसगढ़ के बीजापुर और सुकमा बॉर्डर में हुए नक्सली हमले में 22 सुरक्षाकर्मी शहीद हो गए थे, जबकि कई जवान घायल भी हुए थे. 26 अप्रैल 2023 को हुए हमले में डीआरजी के 10 जवान शहीद हो गए थे.
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