डीएनए हिंदी: चीन ने भारत के आखिरी पत्रकार को भी बीजिंग छोड़ने का फरमान जारी कर दिया है. रिपोर्ट के अनुसार, चीनी अधिकारियों ने प्रेस ट्रस्ट ऑफ इंडिया (PTI) के पत्रकार को इसी महीने देश छोड़ने के लिए कहा है. ड्रैगन का आरोप है कि भारत चीनी पत्रकारों से साथ अनुचित बर्ताव कर रहा है. इसलिए उन्होंने भी जवाब में यह कदम उठाया है. इस पत्रकार के भारत लौटने के बाद दुनिया की दूसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था चीन से भारतीय मीडिया की मौजूदगी खत्म हो जाएगी. हिंदुस्तान का एक भी पत्रकार चीन में नहीं रहेगा.
बता दें कि इस साल की शुरुआत में चीन में भारत के 4 पत्रकार कार्यरत थे. इनमें समाचारपत्र 'हिन्दुस्तान टाइम्स' के रिपोर्टर ने बीते सप्ताह ही बीजिंग छोड़ा है, जबकि सरकारी चैनल प्रसार भारती और द हिंदू अखबार के पत्रकारों को चीन ने अप्रैल में लौटने से रोक दिया था, क्योंकि उनका वीजा रिन्यूअल नहीं किया था.
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इस रिपोर्ट के अनुसार, इस मामले में चीन के विदेश मंत्रालय ने फिलहाल को जवाब नहीं दिया है. वहीं भारत के विदेश मामलों के मंत्रालय ने भी कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है. पिछले महीने चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता माओ निंग ने कहा था कि भारत में सिर्फ एक चीनी पत्रकार बचा है, जो अभी भी वीजा रिन्यूअल का इंतजार कर रहा है.
चीन ने भारत पर लगाया भेदभाव करने का आरोप
चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता वांग वेनबिन ने सोमवार को आरोप लगाया कि भारत में चीनी पत्रकारों के साथ गलत व्यवहार किया गया. उन्होंने कहा कि उम्मीद है कि भारत जल्द ही इस पर विचार करेगा. रॉयटर्स की एक रिपोर्ट में वांग के हवाले से कहा गया, "हाल के सालों में भारत में चीनी पत्रकारों को अनुचित और भेदभावपूर्ण व्यवस्था दी गई. उन्होंने दावा किया कि चीनी पत्रकारों के वीजा को 2020 से भारत ने रिन्यूअल नहीं किए थे. जिसकी वजह से भारत में एक चीनी पत्रकार ही बचा.
गौरतलब है कि भारत ने चीन की सरकारी मीडिया सिन्हुआ न्यूज एजेंसी और चाइना सेंट्रल टेलीविजन के दो पत्रकारों का वीजा रिन्यूअल एप्लीकेशन ठुकरा दिया था. भारत ने कहा था कि चीन के रिपोर्टर भारत में बिना किसी अड़चन के काम करते हैं. लेकिन चीन में भारतीय पत्रकारों के साथ ऐसा नहीं है. बीजिंग में भारतीय जर्नलिस्ट के साथ गलत व्यवहार किया जाता है. हालांकि, दोनों देशों ने संपर्क में होने की भी बात कही थी.
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