डीएनए हिंदी: जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 को हटाने के फैसले को सुप्रीम कोर्ट द्वारा सही बताने पर चीन भड़क गया. चीनी विदेश मंत्रालय ने इसको लेकर बयान जारी किया है. मंत्रालय के प्रवक्ता ने दावा किया कि चीन ने कभी भी लद्दाख केंद्र शासित प्रदेश को मान्यता नहीं दी है. चीन लद्दाख के एक बड़े हिस्से को अपना होने का दावा करता रहा है, जबकि सच्चाई में ड्रैगन ने भारत के लगभग 4,067 वर्ग किलोमीटर इलाके पर अवैध रूप से कब्जा कर रखा है.
लद्दाख को केंद्र शासित प्रदेश बनाने के भारत सरकार के फैसले की वैधता को बरकरार रखने वाले अदालत के फैसले के बारे में पूछे जाने पर चीन के विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता माओ निंग ने कहा, ‘चीन ने कभी भी तथाकथित केंद्र शासित प्रदेश लद्दाख को मान्यता नहीं दी है जिसे भारत ने एकतरफा और अवैध तरीके से बनाया हैं.
चीन की सरकारी मीडिया कंपनी द्वारा पूछे गए सवाल के जवाब में माओ निंग ने कहा, ‘भारत के घरेलू न्यायिक फैसले से भारत-चीन सीमा के पश्चिमी हिस्से के तथ्य नहीं बदलेंगे और वह हमेशा चीन का रहा है.’ अनुच्छेद-370 के प्रावधानों को निरस्त करने के केंद्र के फैसले को सुप्रीम कोर्ट द्वारा बहाल रखने के फैसले पर माओ ने मंगलवार को कहा था, ‘कश्मीर के मुद्दे पर चीन का रुख स्पष्ट और अडिग रहा है.’
ये भी पढ़ें- एमपी में शिवराज सरकार का अंत, मोहन ने संभाली कमान, ये बने डिप्टी सीएम
उन्होंने कहा कि अतीत से चले आ रहे कश्मीर मुद्दे का संयुक्त राष्ट्र घोषणा पत्र, सुरक्षा परिषद के प्रस्तावों और प्रासंगिक द्विपक्षीय समझौते के अनुसार शांतिपूर्ण और उचित तरीके से समाधान करने की आवश्यकता है.
सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र के फैसले को बताया सही
सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को सर्वसम्मति से तत्कालीन जम्मू-कश्मीर राज्य को विशेष दर्जा देने वाले अनुच्छेद 370 के प्रावधानों को निरस्त करने के केंद्र सरकार के फैसले को बरकरार रखा था. उच्चतम न्यायालय ने तत्कालीन जम्मू-कश्मीर राज्य से केंद्र शासित प्रदेश लद्दाख को अलग करने के केंद्र के फैसले को भी वैध करार दिया और केंद्र शासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर को जल्द से जल्द राज्य का दर्जा देने और अगले साल 30 सितंबर तक विधानसभा चुनाव कराने का निर्देश दिया. (भाषा इनपुट के साथ)
देश-दुनिया की ताज़ा खबरों Latest News पर अलग नज़रिया, अब हिंदी में Hindi News पढ़ने के लिए फ़ॉलो करें डीएनए हिंदी को गूगल, फ़ेसबुक, ट्विटर और इंस्टाग्राम पर.