Tawang clash पर बोले Mallikarjun Kharge- 'मोदी सरकार की लाल आंख पर लगा चीनी चश्मा, संसद में बोलने की इजाजत नहीं'

Written By डीएनए हिंदी वेब डेस्क | Updated: Dec 15, 2022, 12:56 PM IST

कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे. (तस्वीर- Twitter/INC)

अरुणाचल प्रदेश में चीनी घुसपैठ का मुद्दा उठाने की इजाजत नहीं दिए जाने के बावजूद कांग्रेस ने गुरुवार को एक बार फिर लोकसभा में स्थगन नोटिस पेश किया है.

डीएनए हिंदी: अरुणाचल प्रदेश के तवांग सेक्टर में चीन और भारतीय सैनिकों के बीच हुई झड़प को लेकर संसद के दोनों सदनों में हंगामा मचा है. घुसपैठ के मुद्दो को उठाने की इजाजत न मिलने पर कांग्रेस ने एक बार फिर गुरुवार को लोकसभा में स्थगन नोटिस पेश किया है. विपक्ष इस मुद्दे पर चर्चा चाहता है, वहीं सरकार पर आरोप लगाए जा रहे हैं कि सरकार चर्चा नहीं चाहती है. कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने इस मुद्दे पर कहा है कि मोदी सरकार ने अपनी आंखों पर चीनी चश्मा लगा गया है.

मल्लिकार्जुन खड़गे ने हिंदी में केंद्र सरकार पर निशाना साधते हुए एक ट्वीट किया, 'ऐसा प्रतीत होता है कि मोदी सरकार की 'लाल आंख' पर चीनी चश्मा लग गया है. क्या भारतीय संसद में चीन के विरूद्ध बोलने की अनुमति नहीं है?'

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संसद में तवांग मुद्दे पर हो रहा है हंगामा

अरुणाचल प्रदेश में चीनी घुसपैठ का मुद्दा उठाने की इजाजत नहीं दिए जाने पर कांग्रेस समेत 17 विरोधी दलों ने बुधवार को सदन से वॉकआउट करने का फैसला किया था. शुक्रवार को भी संसद के दोनों सदनों में तवांग क्लैश को जमकर हंगामा हो रहा है.

तवांग सेक्टर पर चर्चा चाहते हैं कांग्रेस समेत विपक्षी दल

कांग्रेस सांसद मनीष तिवारी ने लोकसभा में स्थगन नोटिस पेश किया है. नोटिस में उन्होंने कहा है. 'ऐसे महत्वपूर्ण प्रश्न हैं जिन्हें पूछने की आवश्यकता है, ये झड़पें क्यों हो रही हैं, पहले गालवान और अब यांग्त्से? चीनी क्या चाहते हैं? क्या इन आक्रमणों के परिणामस्वरूप हमने चीनियों के लिए कोई क्षेत्र खो दिया है, यदि हां, तो सरकार इसे वापस पाने के लिए कितना और कैसे योजना बना रही है?'

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क्या है कांग्रेस का दावा?

नोटिस में कहा गया है कि रिपोर्ट से पता चलता है कि चीन ने बड़े पैमाने पर बुनियादी ढांचा तैयार किया है और एलएसी पर अतिरिक्त सैन्य बल जमा किया है. कम से कम तीन अतिरिक्त पीएलए ब्रिगेड कथित तौर पर एलएसी पर तैनात हैं. बुधवार को इस मुद्दे पर चर्चा से इनकार किए जाने के बाद विपक्ष दोनों सदनों का बहिष्कार कर दिया था.

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