लोकसभा चुनाव 2024 की तारीखों का ऐलान होने के बाद से ही सभी दल चुनावी तैयारी में लगे हैं. इस बीच चिराग पासवान की पार्टी लोक जनशक्ति पार्टी रामविलास को झटका लगा है. लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) के 22 नेताओं ने एक साथ पार्टी छोड़ दी. इनमें पूर्व सांसद और बिहार सरकार के पूर्व मंत्री रहे पार्टी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष रेणु कुशवाहा, पूर्व विधायक राष्ट्रीय महासचिव सतीश कुमार, प्रदेश के संगठन सचिव इंजीनियर रविंद्र सिंह भी शामिल हैं. ऐसे में आइए जानते हैं कि चुनाव से ठीक पहले 22 नेताओं ने पार्टी क्यों छोड़ दी है.
लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) बिहार की 40 लोकसभा सीटों में से 5 वैशाली, हाजीपुर, समस्तीपुर, खगड़िया और जमुई से चुनाव लड़ रही है. ऐसे में अब टिकट नहीं मिलने से नाराज लोजपा रामविलास कार्यकर्ताओं का गुस्सा देखने को मिल रहा है. मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, टिकट नहीं मिलने से नाराज पूर्व विधायक और LGP(R) के राष्ट्रीय महासचिव सतीश कुमार ने कहा कि बागी नेता अब INDIA अलायंस का समर्थन करेंगे.
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चिराग पासवान पर लगा टिकट बेचने का आरोप
LGP(R) से अपने इस्तीफे पर पूर्व सांसद रेनू कुशवाहा ने कहा कि बाहर के लोगों की बजाय पार्टी कार्यकर्ताओं को टिकट दिया जाना चाहिए लेकिन बाहरी लोगों को टिकट दिया गया. इसका मतलब है कि आपकी पार्टी में सक्षम लोग नहीं हैं. क्या हम सक्षम नहीं हैं? इसके साथ उन्होंने कहा कि आपकी पार्टी में मजदूर वर्ग के लोग हैं, जो आपके लिए काम करेंगे. आपको नेता बनाएंगे? जब एक बाहरी व्यक्ति को टिकट दिया गया, तो हमारी प्रतिबद्धता पर सवाल उठाया गया. हम यहां पार्टी के लिए मजदूर के रूप में काम करने के लिए नहीं आए हैं.
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संगठन सचिव रहे रविंद्र सिंह ने कही यह बातें
संगठन सचिव रहे रविंद्र सिंह ने कहा कि हम सभी लोग चिराग पासवान के पिता रामविलास पासवान के समय से साथ हैं. लोजपा टूटने के बाद हम लोग उनके साथ रहे, लेकिन जहां भी टिकट दिया गया है वह सभी बाहरी लोगों को दिया गया है. पार्टी के कार्यकर्ताओं को दरकिनार किया गया है, इसलिए हम लोग पार्टी से त्यागपत्र दे रहा हैं. चिराग पासवान पर कई तरह के आरोप लगाते हुए उन्होंने कहा कि जहां-जहां लोजपा रामविलास का कैंडिडेट होगा, उन सभी जगह पर जाकर जनता को बताएंगे और उनके कैंडिडेट को हराने का काम करेंगे.
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