जजों को लेकर अक्सर ये सवाल उठए जाते रहे हैं कि उन्हें राजनीति में नहीं आना चाहिए. पिछले कुछ समय में या यूं कहें कि कुछ दशकों में देखा गया है कि कई सारे बड़े जजों ने राजनीति जॉइन की. साथ ही अलग-अलग पार्टियों में शामिल हुए. इनमें सुप्रीम कोर्ट और हाई कोर्ट के बड़े जज भी शामिल रहे हैं. इसको लेकर काफी विवाद भी हो चुका है. जजों के राजनीति में आने के बाद उनके द्वारा लिए गए फैसलों को संदिग्ध नजरिए से देखा जाता है. ये सवाल आज के समय में बेहद प्रासंगिक हो चला है. इसको लेकर सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस धनंजय यशवंत चंद्रचूड़ की भी टिप्पणी आई है. उन्होंने हाल ही में दैनिक भास्कर को दिए अपने इंटरव्यू में भारतीय न्यायपालिका को लेकर बहुत कुछ कहा है.
जज के राजनीति में आने को लेकर CJI ने क्या कहा
दैनिक भास्कर के इंटरव्यू के दौरान सुप्रीम कोर्ट के सीजेआई से पूछा गया कि 'हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट के जज रिटायरमेंट के बाद सियासत में जा रहे हैं, इसको लेकर क्या कहेंगे, क्या ये सही है?' इस सवाल का जवाब देते हुए सीजेआई ने कहा कि ये उनका व्यक्तिगत फैसला है. मेरी राय है कि जब आप जज बनकर रिटायर हो रहे हैं तो आपको कुछ वक्त देना चाहिए. सियासत में जाने से पहले थोड़ा सा वक्त देना चाहिए. एक पर्याप्त अंतराल होना चाहिए. बाकी राजनीति में जाना चाहिए या नहीं, ये एक दूसरा मामला है.
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